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IAS Pari Bishnoi: बिश्नोई समाज की पहली महिला आईएएस, 23 साल की उम्र में हासिल की 30वीं रैंक

बिश्नोई समाज की पहली महिला आईएएस बनने का गौरव पारी बिश्नोई ने हासिल किया है। उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 23 साल की उम्र में 30वीं रैंक हासिल की, जो उनकी मेहनत और दृढ़ संकल्प का परिणाम है.    

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बिश्नोई समाज की पहली महिला आईएएस पारी बिश्नोई ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 23 साल की उम्र में 30वीं रैंक हासिल की थी.

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जयपुर की पारी बिश्नोई ने अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प से इतिहास रच दिया है. उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 30वीं रैंक हासिल कर बिश्नोई समाज की पहली महिला आईएएस बनने का गौरव प्राप्त किया है.

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पारी का जन्म और परवरिश जयपुर में हुई. उन्होंने अपनी शिक्षा जयपुर के महाराजा स्कूल और महारानी कॉलेज से पूरी की. इसके बाद, उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया.

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पारी ने अपनी तैयारी की शुरुआत 2020 में की थी, जब उन्होंने पहली बार यूपीएससी परीक्षा दी. हालांकि, उन्हें पहले प्रयास में सफलता नहीं मिली, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी तैयारी जारी रखी.

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दूसरे प्रयास में, पारी ने अपनी मेहनत का फल प्राप्त किया और 30वीं रैंक हासिल की. उनकी इस उपलब्धि ने बिश्नोई समाज और पूरे देश को गौरवान्वित किया है.

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पारी की सफलता ने युवाओं को प्रेरित किया है कि वे अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ें. उनकी कहानी एक प्रेरणा है कि कैसे एक छोटे से शहर से आने वाली लड़की अपनी मेहनत से देश की सबसे उच्च नौकरी हासिल कर सकती है.