नीली मिट्टी के बर्तन जिसका नाम नीले रंग के कारण पड़ा है जो इसे बेहद खूबसूरत बनाता है, राजस्थान की एक हस्तशिल्प कला है साथ ही इसमें परंपरागत हरे एवं नीले रंग का प्रयोग कर बनाया जाता है
इसे मिट्टी की बजाय पेट्रोकेमिकल पाउडर, बोरेक्स, गोंद और मुल्तानी मिट्टी जैसे पदार्थों से बनाया जाता है
यह शैली ओटोमन-फ़ारसी शैली से ली गई है और नीले मिट्टी के बर्तन पक्षियों और फूलों के डिज़ाइन से बनाए गए हैं
इसका उपयोग आज घर की सजावट के लिए किया जाता है और आम तौर पर इसे फूलदान, डायपर शेड, ट्रे आदि में बनाया जाता है
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