Jhunjhunu News : हुनरमंद हाथ हमेशा कमाल कर दिखाते हैं और ऐसा ही कमाल कर दिखाया है. झुंझुनूं के चिड़ावा कस्बे के 70 वर्षीय कन्हैयालाल जांगिड़ ने आठवीं पास कन्हैयालाल जांगिड ने स्कूटी चलाने में तकलीफ और पेट्रोल के बढ़े खर्च के बाद अपने घर आने जाने के लिए कबाड़ से इको फ्रेंडली कार बना दी है. यह कार एक बार चार्ज होने में 70 किलोमीटर का सफर तय कर लेती है. खास बात यह है कि महज 10 से 12 रुपए के बिजली खर्च में यह कार एक बार चार्ज हो जाती है.
इस कार को बनाने में करीब डेढ़ से दो लाख का खर्च आया. कार की अधिकतम स्पीड 30 किलोमीटर प्रति घंटा है. इको फ्रेंडली कार की 5 क्विंटल तक वजन वहन करने की क्षमता है. कन्हैया लालजांगिड़ ने बताया कि कुछ साल पहले अपने पोतों के लिए मिनी कार भी बनाई थी. जो 80 किलो तक वजन उठा सकती है. उस मिनी कार में 12 वोल्ट की बैटरी, मोटर लगा रखी है. मिनी कार एक बार चार्ज करने के बाद दिनभर चल सकती है.
अभी कार में चार बैटरियां लगा रखी हैं. एक बैटरी और लगाने से ये 100 किलोमीटर से अधिक का सफर एक बार चार्ज होने पर कर सकेगी. कार की क्षमता की बात करे तो कार में एक साथ चार लोग सवार हो सकते है. कार में दो आगे और दो पीछे सीट लगा रखी है.
कार बनाने में उन्होंने मोटर गाड़ियों की बैटरी, रिक्शा के टायर सहित अन्य सामान काम में लिया. कन्हैयालाल जांगिड़ ने बताया कि कार में 48 वोल्ट की 4 बैटरी काम में ली गई है बैटरी को चार्ज करने में महज 10 से 12 रुपए की बिजली खर्च होती है. यह कार करीब 70 किलोमीटर तक चल सकती है.
दरअसल चिड़ावा कस्बे में सूरजगढ़ मोड़ पर कन्हैयालाल जांगिड़ गाड़ियों को ठीक करने का काम करते है. गाड़ियों को ठीक करते हुए घर आने जाने में स्कूटी से हो रही दिक्कत और पेट्रोल की बढती कीमतों के कारण उनके मन में विचार आया कि क्यों ना इको फ्रेंडली कार बनाई जाए जो बैटरी से चले. इसके बाद उन्होंने गाड़ियों के स्पेयर पार्ट्स जुटाए और उनसे एक इको फ्रेंडली कार बना दी.