हरतालिका तीज का व्रत कुंवारी कन्याएं भी रखती हैं. कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए यह व्रत रखती हैं. उनके लिए व्रत के नियम अलग हैं. वह इस व्रत को फलहार पर भी रखा जा सकता है. तो चलिए आपको बताते हैं अविवाहित कन्याओं को तीज का व्रत के नियम.
फलहार पर कर सकती हैं व्रत
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हरतालिका तीज का व्रत वैसे तो निर्जला रखा जाता है. लेकिन कुंवारी कन्याएं फलहार पर इस व्रत को कर सकती हैं. संकल्प ब्रह्ममुहूर्त में स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धरण करके लेना चाहिए.
शुभ मुहूर्त में करें पूजा
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भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि यानी तीज की शुरुआत 05 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 21 मिनट पर हो जाएगी. वहीं, इस तिथि 06 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में हरतालिका तीज का व्रत 06 सितंबर को रखा जाएगा. इस दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 02 से सुबह 08 बजकर 33 मिनट तक है.
इन मंत्रों का करें जाप
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ओम पार्वत्यै नम.... ओम उमाये नम.... या देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम.
ऐसे करें तीज की पूजा
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हरितालिका तीज की पूजा के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें. घर और मंदिर की सफाई करें. इसके बाद चौकी पर भगवान शिव और मां पार्वती की मूर्ति स्थापित करें. विधिपूर्वक महादेव का अभिषेक करें. मां पार्वती को सोलह श्रृंगार की चीजें चढ़ाएं. देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें और हरतालिका तीज व्रत की कथा करें. भगवान को भोग लगाएं.
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