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Rajasthan : 8 बार फेल हुआ कांस्टेबल, मजदूरी भी करनी पड़ी, अब बनेगा IAS-IPS, ऐसे सच हुआ राजभजन का सपना

UPSC Success Story : कहानी एक ऐसे युवक की जिसने कड़ी मेहनत कर कांस्टेबल से यूपीएससी तक का सफर तय किया हालांकि यूपीएससी में आठवीं बार में सफलता मिली लेकिन वह सफलता भी बेहद खुशी देने वाली रही बेहद साधारण परिवार की पृष्ठभूमि में जन्मे युवक को माता-पिता ने मेहनत मजदूरी कर पालन पोषण किया पढ़ाया लिखाया सेकंडरी तक कि स्कूल शिक्षा गांव की सरकारी स्कूल से की और उसके बाद दौसा जिला मुख्यालय पर स्थित सरकारी स्कूल से 11वीं और 12वीं की पढ़ाई पूरी की परिवार की आर्थिक स्थिति इस दौरान इतनी खराब थी कि खुद युवक को भी अपने पिता के साथ मजदूरी करनी पड़ी.

दौसा से 10 किमी दूर था घर

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दौसा से 10 किमी दूर था घर

हम बात कर रहे हैं दौसा जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बापी गांव निवासी रामभजन प्रजापत का जन्म बेहद साधारण परिवार में हुआ घर की स्थिति को देखते हुए राम भजन ने बचपन में ही यह तय कर लिया था कि जीवन में कुछ बनना है और उनके इसी जज्बे ने उन्हें दिलाई यूपीएससी में सफलता रामभजन को यूपीएससी में 667 वी रैंक मिली. 

 

दिल्ली पुलिस में हुआ चयन

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दिल्ली पुलिस में हुआ चयन

राम भजन प्रजापत ने 2012 में स्कूल शिक्षा पूरी की इस दौरान उनका दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के पद पर चयन हो गया और इसी वर्ष उनकी शादी भी हो गई लेकिन राम भजन का लक्ष्य बड़ा था और अपने लक्ष्य को अर्जित करने के लिए उन्होंने नॉन कॉलेज रहकर ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की और पीजी भी किया साथ ही नेट जेआरएफ हिंदी विषय से क्वालीफाई किया.

प्रतिदिन 7 से 8 घंटे की पढ़ाई

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प्रतिदिन 7 से 8 घंटे की पढ़ाई

दिल्ली कांस्टेबल के पद पर रहते हुए 2015 में राम भजन को अपने सीनियर अफसर से प्रेरणा मिली और उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की एक साल तक उन्होंने इसके लिए दिल्ली में कोचिंग भी की और उसके बाद self-study शुरू की राम भजन ने प्रतिदिन 7 से 8 घंटे पढ़ाई करने का निश्चय किया और उन्होंने एक के बाद एक 7 बार यूपीएससी की परीक्षा दी लेकिन सफलता नहीं मिली उसके बावजूद भी राम भजन ने हार नहीं मानी और मायूसी अपने चेहरे पर नहीं आने दी उन्होंने एक बार फिर यूपीएससी की आठवीं बार परीक्षा दी और इसमें उन्हें सफलता मिली हालांकि 667 वी रैंक आने से संतुष्ट नहीं हुए और फिर नवी बार यूपीएससी की परीक्षा दे रहे हैं ताकि रैंक में सुधार हो सके.

 

2012 में ही हो गई थी शादी

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2012 में ही हो गई थी शादी

पुलिस की कठिन ड्यूटी निभाने के बाद अनुशासन में रहते हुए राम भजन ने पढ़ाई से मन नहीं फेरा वह लगातार पढ़ते रहे और उसी की बदौलत उनका यूपीएससी में चयन हुआ नौकरी करना उनके लिए बेहद जरूरी था क्योंकि परिवार की आर्थिक स्थिति खराब थी और 2012 में शादी भी हो चुकी थी तो परिवार की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ गई थी जब शादी हुई थी तो पत्नी अंजलि आठवीं तक पढ़ी हुई थी राम भजन ने पत्नी को भी आगे पढ़ने के लिए प्रेरित किया और गांव की सरकारी स्कूल में सीनियर तक रेगुलर पढ़ाई करवाई उसके बाद ग्रेजुएशन करवाया और b.ed भी करवाई राम भजन ने कहा मेरे जैसे साधारण व्यक्ति के लिए यूपीएससी में चयन होना बहुत बड़ी बात है अगर आदमी इमानदारी से अनुशासन में रहते हुए कठोर परिश्रम करें तो लक्ष्य जरूर पूरा होता है.

 

पत्नी को भी पढ़ाया

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पत्नी को भी पढ़ाया

राम भजन की मां का कहना है हमने यह कभी सोचा नहीं था कि बेटा इस पद पर पहुंचेगा और हमारा नाम रोशन करेगा हमने अभाव में जीवन यापन किया है और जीने के लिए जगह-जगह मजदूरी की है वही राम भजन की पत्नी अंजली का कहना है जब मेरी शादी हुई थी तो परिवार की स्थिति काफी गरीब थी और परिवार की जिम्मेदारी का बड़ा बोझ भी था पति राम भजन ने पढ़ाई के लिए मुझे प्रेरित किया और उसकी बदौलत आज मैं भी b.a. B.Ed हो गई राम भजन के दो बेटियां हैं जिनका पालन पोषण वह बड़े ही जुनून से करने की इच्छा रखता है.

 

रामभजन ने मजदूरी भी की

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रामभजन ने मजदूरी भी की

राम भजन के रिश्ते में भाई लगने वाले अनिल प्रजापत का कहना है इनके परिवार की हालत बेहद खराब थी हमने वह दिन देखे हैं जब यह पेट भरने के लिए कड़ी मेहनत करते थे मजदूरी करते थे और उसी को ध्यान में रखते हुए रामभजन ने यह तय कर लिया था कि मुझे कुछ बनना है और उसी की बदौलत आज राम भजन ने यूपीएससी की परीक्षा फाइट की और उसमें सफल हुआ यह परिवार के लिए तो गौरव की बात है ही पूरे इलाके में भी इस बात की खुशी है कि बेटा हो तो राम भजन प्रजापत जैसा जिसने खुद के भविष्य के साथ साथ परिवार का भविष्य भी उज्ज्वल कर दिया.