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Godawan Bird: कैसे लुप्त होती जा रही है राजस्थान का राज्य पक्षी गोडावण की प्रजाति

Godawan Bird: गोडावण, जिसे ग्रेट इंडियन बुस्टर्ड भी कहा जाता है, राजस्थान का एक प्रसिद्ध और विशेष पक्षी है. यह प्रजाति बहुत ही तेजी से लुप्त होती जा रही है. आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि कैसे गोडावण तेजी से खत्म होती जा रही है. 

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गोडावण, जिसे ग्रेट इंडियन बुस्टर्ड भी कहा जाता है, इसका वैज्ञानिक नाम "Argala sibirica" है और यह सवाई माधोपुर के आसपास के क्षेत्रों में पाया जाता है. गोडावण पक्षी की ऊंचाई उड़ान भरने की क्षमता लगभग 1000 मीटर है, और इसकी दृष्टि इतनी तेज होती है कि वह 1.5 किमी दूर से ही शिकार को देख सकता है.

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यह पक्षी लगभग 100-120 सेमी लंबा होता है और इसका वजन लगभग 2-3 किलोग्राम होता है. गोडावण पक्षी सवाई माधोपुर के आसपास के रेगिस्तानी और वन क्षेत्रों में पाया जाता है, और यह मुख्य रूप से कीट, छिपकली और छोटे स्तनधारियों को खाता है. गोडावण पक्षी अप्रैल से जून तक प्रजनन करता है, और इसको IUCN रेड लिस्ट में वुल्नरेबल श्रेणी में रखा गया है. इसका जीवनकाल लगभग 20-25 वर्ष होता है.

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गोडावण पक्षी की एक विशेषता है इसकी अद्वितीय पंखों की डिज़ाइन. यह पक्षी राजस्थानी संस्कृति में बहुत महत्वपूर्ण है, और इसे राजस्थान का राज्य पक्षी भी घोषित किया गया है. गोडावण पक्षी की संख्या में कमी के कारण, इसके संरक्षण के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं. यह पक्षी न केवल राजस्थान की सुंदरता को बढ़ाता है, बल्कि इसका महत्व पर्यावरण और पारिस्थितिकी के लिए भी है.

इसलिए गोडावण हो रहे हैं लुप्त

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इसलिए गोडावण हो रहे हैं लुप्त
गोडावण, राजस्थान का राज्य पक्षी, लुप्त होने की कगार पर है. इसकी लुप्तता के मुख्य कारण हैं आवास की कमी, शिकार और मानव गतिविधियों का बढ़ना. इसके आवास, शुष्क और अर्ध-शुष्क घास के मैदानों, का नष्ट होना इसकी आबादी में कमी का एक बड़ा कारण है. इसके अलावा, शिकार और मानव गतिविधियों के बढ़ने से इसके आवास पर दबाव बढ़ रहा है.

बचाने के लिए शुरू किया प्रोजेक्ट

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बचाने के लिए शुरू किया प्रोजेक्ट
राजस्थान सरकार ने गोडावण को बचाने के लिए एक प्रोजेक्ट शुरू किया है, जिसका नाम "मेरी उड़ान न रोकें" है. इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य गोडावण की आबादी को बढ़ाना और इसके आवास को संरक्षित करना है. यह प्रोजेक्ट गोडावण की सुरक्षा और संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और इसके सफल होने से गोडावण की लुप्तता को रोका जा सकता है.