Pali : गोवंश के लिए फटे तिरपाल से बना आइसोलेशन सेंटर, संक्रमित गाय और बछड़ों ने खाना-पीना भी छोड़ा
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Pali : गोवंश के लिए फटे तिरपाल से बना आइसोलेशन सेंटर, संक्रमित गाय और बछड़ों ने खाना-पीना भी छोड़ा

Pali : राजस्थान के पाली में लंपी स्किन संक्रमण से गायों की हालत बदतर होती जा रही है. गोवंश की पीड़ा सुनने वाला कोई नहीं है. राजस्थान में अभी तक 50 हजार से ज्यादा गोवंश की मौत हो चुकी है. 

 

Pali : गोवंश के लिए फटे तिरपाल से बना आइसोलेशन सेंटर, संक्रमित गाय और बछड़ों ने खाना-पीना भी छोड़ा

Pali : पाली के बांगड़ स्टेडियम के पीछे लंपी स्किन से पीड़ित गोवंश के लिए आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है, जिसमें करीब 108 गोवंश हैं. यहां के हालात बयां करना आसान नहीं है. सेंटर में गायों के बछड़ों के शरीर पर कोई ऐसी जगह नहीं है जहां संक्रमण के चलते घाव नहीं हो.

गोवंश की हालत इतनी खराब है कि घाव से खून बह रहा है. प्रशासन की तरफ से फटे पुराने तिरपाल से ढककर इस आइसोलेशन सेंटर का बना कर इतिश्री कर ली गयी है. इतना जरूर है कि स्थानीय भामाशाह और गोरक्षक टीम दिन रात गोवंश के इलाज में जुटे हैं. संक्रमित गोवंश के लिये चारे पानी का भी इंतजाम ये लोग ही कर रहे हैं.

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गोवंश की हालत इतनी खराब है को वो ना तो चारा खा पा रही हैं और ना ही पानी पी रही है. नाममात्र के इस आइसोलेशन सेंटर पर गोवंश के चारा और रजका डालने के लिए कई टेंडर हो चुके हैं लेकिन सेंटर तक कुछ नहीं पहुंचा. ऐसे में गोवंश के लिए जरूरी गुड़ तो दूर की बात है.

आइसोलेशन सेंटर पर नगर परिषद के कर्मचारी पहले तो आते नहीं है और अगर आते हैं तो गोवंश से दूर ही रहते हैं. हां कुछ स्थानीय संस्थाएं जरुर मदद को आगे आई हैं. और गायों के लिए इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए देसी लड्डू बनाये जा रहे हैं. जिसमें एंटी सेप्टिक हल्दी, मेथी , गुड और देसी दवाएं मिला कर गोवंश को खिलाया जा रहा है.

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कुल मिलाकर पूरे राजस्थान के साथ ही पाली में भी लंपी स्किन गोवंश तिल-तिलकर मर रहा है, स्थानीय स्तर पर की जा रही मदद ना हो तो शायद गोवंश की मौत का ये आकंड़ा और बढ़ जाए. जरूरत है तो सरकार के ठोस कदम उठाने की ताकि गौमाता को बचाया जा सके.

रिपोर्टर- सुभाष रोहिषवाल

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