Pali: 4 साल से बंद हेमावास बांध को विभाग ने खोला, किसानों के खेतो में मिलेगी पानी
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Pali: 4 साल से बंद हेमावास बांध को विभाग ने खोला, किसानों के खेतो में मिलेगी पानी

Pali news: जिला मुख्यालय के निकट जिले का दूसरा सबसे बड़ा बांध एवं मुख्य पेय जल एवं सिंचाई का सूत्र हेमावास बांध 4 साल बाद पूर्ण रूप से लबालब होने पर प्रशासन सिंचाई विभाग एवं किसानों के साथ हुए समझौता के तहत सिंचाई के लिए  आज खोला गया.

Pali: 4 साल से बंद  हेमावास बांध को विभाग ने खोला, किसानों के खेतो में मिलेगी पानी

Pali news: जिला मुख्यालय के निकट जिले का दूसरा सबसे बड़ा बांध एवं मुख्य पेय जल एवं सिंचाई का सूत्र हेमावास बांध 4 साल बाद पूर्ण रूप से लबालब होने पर प्रशासन सिंचाई विभाग एवं किसानों के साथ हुए समझौता के तहत सिंचाई के लिए  आज खोला गया.

पहले पान के लिए नहर को  खोला 
सिंचाई अधिकारियों की उपस्थिति में एवं हेमावास बॉन्ध कमांड समिति (bond command committee) के पदाधिकारी की उपस्थिति में नहर की मोहरी खोली गई.हेमावास बांध कमांड के अध्यक्ष गिरधारी सिंह मंडली ने बताया कि इस बार 2219 एमसीएफटी भराव क्षमता वाले बांध से 16 गांव के क्षेत्र में किसानो के खेतों में फसल के लिए इस बांध से सिंचाई होगी
बॉन्ध से सिचाई पान के तहत 1670 एमसीएफटी पानी किसानों को सिंचाई के लिए दिया जाएगा,370 एमसीएफटी पानी पेयजल आपूर्ति के लिए आरक्षित रखा जाएगा.बॉन्ध में कुल 1900 एमसीएफटी (Mcft) अपनी वर्तमान में आरक्षित है.
आज प्रशासन सिचाई विभाग द्वारा किसानो की उपस्थिति में पूजा अर्चना कर सिचाई के लिए पहली पाण को छोड़ा गया.

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 केमिकल युक्त पानी डालने से किसानों में आक्रोश
हेमावास बांध के ओवरफ्लो से बहने वाले पानी का उपयोग करने के लिए नहर की मोरी खोली गई है.कुछ समय पहले   हेमावास बांध में अज्ञात लोगों द्वारा केमिकल युक्त पानी डालने से किसानों में आक्रोश देखा गया था. पास के  फैक्ट्री का रंगीन केमिकल पानी मिलते ही किसानों ने आक्रोश जताया था. जिसके बाद किसानों ने आरोप लगाते हुए जल  विभाग के अधिकारियों को सूचना दी.अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और पानी के तीन सैंपल ले कर  जांच करने के लिए भेज दिया.

4 साल पहले हेमावास बांध में पानी की आवक होने के साथ जलदाय विभाग ने गांवों में सप्लाई होने वाला जवाई के पानी रोक दिया था. हेमावास बांध में जमा पानी को लेना भी शुरू कर दिया गया था. जलदाय विभाग का कहना था की इससे जवाई से रोजाना करीब 1.5 एमसीएफटी पानी बचेगा, जाे शहर के लिए उपयोगी होगा.

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