20 साल पुरानी गौशाला में गायों को सड़ा चारा परोसा गया, 10 दिन में 100 गौवंश की मौत
Advertisement

20 साल पुरानी गौशाला में गायों को सड़ा चारा परोसा गया, 10 दिन में 100 गौवंश की मौत

गायों को डालने के लिए लाए गए चारे की किस्म बहुत खराब लाई गई. जिसकी वजह से गौवंशो को फूड पॉइजनिंग हो गया.

20 साल पुरानी गौशाला में गायों को सड़ा चारा परोसा गया, 10 दिन में 100 गौवंश की मौत

Degana : नागौर जिले के डेगाना तहसील के ग्राम जाखेड़ा में सेठ बंकट लाल मालू गौशाला ट्रस्ट की तरफ से 20 साल से संचालित सेठ बंकट लाल गौशाला में पिछले 10 दिनों में 100 से अधिक गौवंशो की खराब चारे की वजह से मौत हो चुकी है. जिससे गुस्सायें ग्रामीणों ने गौशाला के बाहर धरना दिया.

एक निजी ट्रस्ट के द्वारा संचालित गौशाला में पिछले कुछ दिनों में 100 से अधिक गौशाला की गायों की मौत हो चुकी है. इसको लेकर ग्रामीणों ने शनिवार को जमकर ट्रस्ट के खिलाफ हंगामा किया. इस दौरान ट्रस्ट के संचालन कर्ता लालचंद मालू से जानकारी ली गई तो मामला सामने आया कि दो महीने पहले ट्रस्ट के अधीन कार्य करने वाले सदस्यों को हटाया गया था. उसके बाद नए सदस्यों के द्वारा गायों को डालने के लिए लाए गए चारे की किस्म बहुत खराब लाई गई. जिसकी वजह से गौवंशो को फूड पॉइजनिंग हो गया.

पूर्व मंत्री अजय सिंह किलक ने जाखेड़ा की गौशाला में अचानक 100 से अधिक गायों की मौत की खबर की जानकारी लेकर जिला कलेक्टर पियूष सामरिया से फोन पर बात करके मामले की जांच करने की मांग की. जिस पर जिला कलेक्टर ने ट्रस्ट के सदस्यों की प्रशासन के द्वारा जांच करने के आदेश दिए. जिस पर स्थानीय विकास अधिकारी भंवरा राम कालवी मौके पर पहुंचकर पूरे मामले की जानकारी ली.

मामले की जांच को लेकर सांजु तहसीलदार खींवराज बाना भी मौके पर पहुंचे और चारे का सैंपल लिया गया. इस दौरान मौके पर अधिकारियों को इसबगोल का भूसा और तारेमीरे का कचरा मिला. जो फूड पॉयजनिंग का मुख्य कारण बना है. ग्रामीणों ने विरोध -प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाया है कि जाखेड़ा में ट्रस्ट के द्वारा संचालित गौशाला में गायों के लिए राज्य सरकार से मिलने वाला अनुदान फर्जी तरीके से उठाया जा रहा है. इसकी पशुधन प्रशासन के द्वारा जांच करने की भी मांग की जा रहा है. क्योंकि गौशाला में मौके पर 200 से भी कम गौवंश है, लेकिन पिछला अनुदान 500 से अधिक गायों का उठाया गया है.

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि स्थानीय ट्रस्ट के सदस्यों और स्थानीय डॉक्टरों की मिलीभगत से अनुदान के पैसे उठाये जा रहे है,  जिसकी जांच होनी चाहिए. ग्रामीणों द्वारा लगाए गए आरोप पर तहसीलदार खींवराज बाना जांच कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें : गरीबों का गेंहू खाकर, डकार भी नहीं ली, अब विभाग करेगा वसूली

रिपोर्टर - दामोदर ईनाणियां

Trending news