पोषाहार वितरण में 40 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप, इतने आरोपियों पर कार्रवाई की मंजूरी
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पोषाहार वितरण में 40 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप, इतने आरोपियों पर कार्रवाई की मंजूरी

Degana, Nagaur News: राजस्थान के नागौर जिले में महिला और बाल विकास विभाग में 2015 से 2018 तक हुए महा घोटाले के मुख्य किरदार पोषाहार वितरण में 40 करोड़ से अधिक का घोटाला करने वाले महिला और बाल विकास विभाग की 8 महिला सुपरवाइजर सहित 4 लिपिकों को निलंबन करने के आदेश निकाले जा चुके है.

पोषाहार वितरण में 40 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप, इतने आरोपियों पर कार्रवाई की मंजूरी

Degana, Nagaur News: राजस्थान के नागौर जिले में महिला और बाल विकास विभाग में 2015 से 2018 तक हुए महा घोटाले के मुख्य किरदार पोषाहार वितरण में 40 करोड़ से अधिक का घोटाला करने वाले महिला और बाल विकास विभाग की 8 महिला सुपरवाइजर सहित 4 लिपिकों को निलंबन करने के आदेश निकाले जा चुके है. साथ ही इस प्रकरण में एसीबी ने कुल 19 कर्मचारियों की अभियोजन स्वीकृतिया मांगी थी, लेकिन 14 की ही मिली. उसमें 2 अधिकारी रिटायर हों चुके है और बाकी 5 कर्मचारियों के निलंबन ऑर्डर अभी आने बाकी है.

पोषाहार घोटाले में इन 12 को किया निलंबित, आगे भी होगी कार्रवाई
आरोपी सीडीपीओ शक्ति सिंह, सीडीपीओ सुधा यादव, सुपरवाइजर संतोष देवी, संतोष चौधरी, ज्याना देवी, हेमा अग्रवाल, गीता वर्मा, मनीषा शेखावत, राजबाला, मूली देवी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी आनंद दायमा, सहायक प्रशासनिक अधिकारी राजेंद्र त्रिपाठी, कनिष्क सहायक खूबचंद्र भाकर, विजेंद्र सिंह, दिलीप कुमार, कमल किशोर शर्मा, संविदाकर्मी मंजूर अली सहित एक प्राइवेट आदमी नरेश दायमा ने चालानसुदा आरोपी तत्कालीन निर्देशक उषा रानी, बड़े ठेकेदार हरी सिंह, योगेश दायमा और चुई निवासी भाजपा नेता किशोर बैदा से आपस में मिली भगत कर महिला बाल विकास विभाग की परियोजना मकराना, डेगाना, परबतसर, रिया बड़ी में निर्धारित मापदंडो के हिसाब से पोषाहार घोटाला कर 40 करोड़ से ज्यादा रु डकार गए. उसी में एसीबी ने कार्रवाई करते हुए 12 जनों को निलंबित करने के आदेश निकलवाने के बाद 5 जनों की अभियोजन होना बाकी है और साथ ही दो कर्मचारी रिटायर हो चुके है.

इतिहास के सबसे बड़े घोटाले में किसका-कितना घोटाले में हाथ, जानें पूरी डिटेल के साथ घोटाले की कहानी
1. संतोष चौधरी
सुपरवाइजर परियोजना डेगाना- संतोष को जानकारी होने के बाद भी ठेकेदार हरी सिंह से पोषाहार वितरण कम करवाती थी और बिल पूरे पोषाहार का उठावाकर कमीशन लेने का काम करती थी.

2. ज्याना देवी महिला सुपरवाइजर परियोजना डेगाना- ज्याना देवी को पता होने के बाद भी योगेश समूह ने आंगनवाड़ी केंद्र पर कम पोषाहार डालने का काम करता था, फिर भी रिश्वत लेकर बिल पूरे पास कर देती थी.

3. संतोष देवी महिला सुपरवाइजर परियोजना डेगाना- इन्होंने ज्यादाकर ठेकेदारो की गाड़ी से आंगनवाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण करवाती थी और पैसे लेने का काम करती थी.

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4. खूबचंद भाकर वरिष्ठ सहायक परियोजना परबतसर- इनका मुख्य आरोप कम माल का ज्यादा बिल बनाकर पास कर देना और योगेश की फर्म के बिल बनाकर देता था.

5. हेमा अग्रवाल महिला सुपरवाइजर- इन्होंने समूह के नाम सप्लाई पूरी दिखाकर ठेकेदारो की गाड़ी से आंगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण करना मुख्य आरोप था. इनके अलावा कुल 7 आरोपी और शामिल है, जिन्होंने ठेकेदारो संग अधिकारियों से मिलकर पोषाहार घोटाला करने में मुख्य आरोपी माने गए है. प्रकरण में निलंबित हुए सभी आरोपियों को जयपुर मुख्यालय पर भेजे जाने का आदेश किया गया है.

Reporter: Damodar Inaniya

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