Merta: पंचायत भूमि पर रेलवे की मनमानी, लामबंद मोहल्लेवासी लेंगे न्यायालय की शरण
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Merta: पंचायत भूमि पर रेलवे की मनमानी, लामबंद मोहल्लेवासी लेंगे न्यायालय की शरण

Merta: राजस्थान के नागौर जिले के मेड़ता रोड ग्राम पंचायत क्षेत्र के खसरा नंबर 647 की ढाई बीघा जमीन को अपनी मान रेलवे अधिकारियों द्वारा एक नलकूप खुदवा कर पानी की टंकी बना दी गई. 

पंचायत भूमि पर रेलवे की मनमानी

Merta: राजस्थान के नागौर जिले के मेड़ता रोड ग्राम पंचायत क्षेत्र के खसरा नंबर 647 की ढाई बीघा जमीन को अपनी मान रेलवे अधिकारियों द्वारा एक नलकूप खुदवा कर पानी की टंकी बना दी गई. 

साथ ही निर्माण कार्य को विस्तार देते हुए डीएमयू शैड के चारों ओर बनाई जा रही चारदीवारी के चलते बाईपुरा मोहल्लेवासियों के आवागमन की सुविधा को बंद करते हुए निर्माण शुरू करने पर मोहल्लेवासियों ने लामबंद होकर विरोध जताया. साथ ही रेल अधिकारी द्वारा आवागमन का स्थाई समाधान नहीं निकालने पर न्यायालय में जाने की चेतावनी दी है.

उत्तर पश्चिम रेलवे जोधपुर मंडल के मेड़ता रोड रेलवे अधिकारियों द्वारा रेल कार्यों को विस्तार देते हुए पंचायत की ढाई बीघा जमीन पर अपना कब्जा कर लाखों रुपये के निर्माण कार्य संपन्न कर लिए गए. रेलवे द्वारा रेलवे परिधि के चारों और बनाई जा रही चार दिवारी का कार्य करते हुए मेड़ता रोड ग्राम पंचायत के बाईपुरा मोहल्लेवासियों के आवागमन के रास्ते भी बंद किए जाने शुरू कर दिए गए है. 

रेल अधिकारियों की इस मनमानी से नाराज मोहल्लेवासियों और जनप्रतिनिधियों ने लामबंद होकर रेल अधिकारियों के खिलाफ नाराजगी जताई और पंचायत भूमि पुन: खाली करवाने और गंदे पानी निकासी सहित आवागमन का मार्ग खुलवाने की मांग को लेकर रेल अधिकारियों के खिलाफ न्यायालय की शरण लेने का निर्णय लिया गया. मोहल्ले वासियों ने आरोप लगाया कि पूर्व में भी जेल अधिकारियों द्वारा मनमानी करते हुए रेलवे फाटक संख्या सी 100 को हमेशा के लिए बंद कर 10 गांव के रास्ते को बंद कर दिया गया है. 

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रेलवे के उच्च अधिकारियों और न्यायालय के आदेश उपरांत भी इस गेट पर अंडरपास ब्रिज का निर्माण कार्य आरंभ नहीं किया गया. रेल अधिकारियों की मनमर्जी को न्यायालय की अवमानना माना जाए या तानाशाही रवैया. अब इनके तानाशाही रवैये को और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, मोहल्लेवासी अब न्यायालय की शरण लेकर इन्हें सबक सिखाएंगे.
जनप्रतिनिधि और समाजसेवी मेघराज झोटवाल ने बताया कि रेलवे अधिकारियों द्वारा मोहल्लेवासियों की मांगों को पूरा नहीं करने की स्थिति में हमें मजबूरन न्यायालय की शरण लेनी होगी.

Reporter: Damodar Inaniya

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