जात-पात, ऊंच-नीच जैसी कुरीतियों पर अंकुश लगाते हुए नागौर जिले के मेड़ता शहरवासियों ने अनोखी पहल करते हुए भगवान श्री रगतमल भैरवनाथ मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह कार्यक्रम में बाल्मीकि समाज के सामूहिक भोज का आयोजन कर एक मिसाल कायम की है.
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Merta: जात-पात, ऊंच-नीच जैसी कुरीतियों पर अंकुश लगाते हुए नागौर जिले के मेड़ता शहरवासियों ने अनोखी पहल करते हुए भगवान श्री रगतमल भैरवनाथ मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह कार्यक्रम में बाल्मीकि समाज के सामूहिक भोज का आयोजन कर एक मिसाल कायम की है.
सामाजिक समरसता की मिसाल बना मेड़ता शहर में वाल्मीकि समाज की ऐतिहासिक आवभगत देखने को मिली है. रगतमल भैरूनाथ महाराज मंदिर ट्रस्ट और श्रद्धालुओं की ओर से वाल्मीकि समाज की निकाली गई भव्य शोभायात्रा गांधी चौक से शाही अंदाज में आरंभ की गई. घोड़ी पर बैठी बेटियों ने सिर पर भगवा साफा धारण कर इस शोभायात्रा की अगुवानी की है. शहर के ह्रदय स्थल चारभुजा चौक पर शोभा यात्रा पर पुष्प वर्षा की गई.
शोभायात्रा के रगतमल भैरूनाथ मंदिर पहुंचने पर भगवान श्री रगतमल भैरवनाथ के जयघोष के साथ सभी ने दर्शन किए. इसके बाद अग्रवाल भवन में मेड़ता शहर की बड़ी बस्ती, छोटी बस्ती, सोगावास और डांगावास के वाल्मीकि समाज के 1500 लोगों को भोजन कराया गया. सनद रहे कि मेड़ता में 40 वर्ष पूर्व भी ऐसी ही परंपरा का निर्वहन करते हुए सन 1982 में चारभुजा नाथ मंदिर के शिखर पर स्वर्ण कलश स्थापित करते समय सामाजिक समरसता की मिसाल कायम कर वाल्मीकि समाज के लोगों को मान सम्मान के साथ मंदिर लाया गया था.
इस अवसर पर ट्रस्ट अध्यक्ष नंदकुमार अग्रवाल, चंद्रप्रकाश बिड़ला, निहालचंद सांड, कैलाशचंद कंदोई, विष्णुप्रसाद शर्मा, शांतिलाल मथुरिया, चंपालाल हटिला, शिवरतन, ओमप्रकाश, मुकेश आसीवाल, ओमप्रकाश गौड़, विमलेश व्यास, राजीव पुरोहित, नवरतनमल सिंघवी, महेंद्र सेन, मोहनलाल सेन सहित वाल्मीकि समाज के पार्षद चिमन वाल्मीकि, कानाराम अटवाल, पालिका के जमादार कैलाश जावा के नेतृत्व में समाज के लोग इस शोभायात्रा में शामिल हुए.
Reporter: Damodar Inaniya
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