2018 में नगरीय निकयों में सफाईकर्मियों की भर्ती में वाल्मीकि समाज के अलावा अन्य समाज के लोगों ने भी आवेदन किये थे.
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Deedwana: वाल्मीकि समाज के अलावा अन्य समाज के लोग जो सफाईकर्मियों की भर्ती में डीडवाना नगरपालिका में चयनित हुए थे उनसे सफाई कार्य नहीं करवाने और नियम विरुद्ध पदोन्नति देने से वाल्मीकि समाज के सफाईकर्मियों में रोष है. जिसके कारण सफाईकर्मीयों ने चार दिन से झाड़ू डाउन हड़ताल कर रखी है.
2018 में नगरीय निकयों में सफाईकर्मियों की भर्ती में वाल्मीकि समाज के अलावा अन्य समाज के लोगों ने भी आवेदन किये थे. वाल्मीकि समाज ने उस वक्त भी उनका हक छीनने का आरोप लगाकर इन भर्तियों का विरोध किया था और अन्य समाज के लोगों को ट्रेनिंग के दौरान भी वाल्मीकि समाज के लोगों ने उनका विरोध किया था लेकिन बाद में सभी नगरपालिकाओं में अन्य समाज के लोगों को भी सफाईकर्मियों के रूप में नियुक्ति दी गई. इसमें डीएलबी के स्पष्ट डायहा निर्देश थे कि सफाईकर्मियों के पदों पर लगे सभी कर्मचारियों से सफाई कार्य ही करवाये जाएं लेकिन डीडवाना नगरपालिका में इन सफाईकर्मियों से सफाई कार्य करवाने कि बजाय इनको अलग अलग कार्यालयों में लगा देने का आरोप वाल्मीकि समाज के लोग लगा रहे हैं.
वाल्मीकि समाज के कार्मिकों का आरोप है कि अब इन्हीं कर्मचारियों को प्रमोशन देने कि तैयारी नगरपालिका कर रही है जबकि नियमानुसार 5 साल से पहले पदोन्नति नहीं मिलनी चाहिए जबकि उनसे पहले लम्बे समय से सेवारत वाल्मीकि समाज के कार्मिकों को 15-15 साल से पदोन्नति नहीं दी गई है. वाल्मीकि समाज के सफाईकर्मियों का आरोप है कि स्थानीय नगरपालिका उनके साथ दोहरी मानसिकता से काम कर रही है जो किसी हालत में वाल्मीकि समाज स्वीकार नहीं करेगा .अपनी इन्ही मांगों को लेकर वाल्मीकि समाज में पूर्व में ज्ञापन भी दिया गया लेकिन सुनवाई नहीं होम से समाज के कार्मिकों ने झाड़ू डाउन हड़ताल करते हुए सफाई कार्यों का बहिष्कार कर दिया है.
वाल्मीकि समाज के कार्मिकों कि मांग है कि जो अन्य समाज के कार्मिक सफाई कर्मचारी के पद पर लगे है उनसे भी सफाई कार्य ही करवाये जाएं और उनको भी नियमानुसार ही पदोन्नति दी जाये और जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाएगी यह कार्य बहिष्कार जारी रहेगा. सफाई कर्मियों कि कार्य बहिष्कार के चलते पूरे शहर कि सफाई व्यवस्था चरमरा गई है. जगह जगह कूड़े के ढेर लाग गए है. जहां तहां कचरा बिखरा नजर आ रहा है.
नगरपालिका के अधिशाषी अधिकारी रोहित मील का कहना है कि कर्मचारियों ने जो तीन मांगें रखी थी वो तीनों ही स्वीकार कर ली गई है लेकिन अब भी कुछ राजनेताओं के बहकावे में आकर वे धरने पर बैठे है. जबकि नगरपालिका प्रशासन उनका पूर्ण सहयोग करना चाह रहा है. बहराहाल नगरपालिका और हड़ताली कर्मचारियों के बीच अब तक सहमति नहीं बन पा रही है जिसके चलते पूरे शहर में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है अगर आने वाले एक दो दिन में यह हड़ताल नहीं टूटती है तो शहर के हाल बेहाल हो जायेंगे.
Reporter-Hanuman Tanwar
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