मिनी सचिवालय की सीढिय़ा बनी बुजुर्गों और बीमारों के लिए आफत
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मिनी सचिवालय की सीढिय़ा बनी बुजुर्गों और बीमारों के लिए आफत

 कोटा के सांगोद तहसील कार्यालय को हाल ही में नवनिर्मित मिनी सचिवालय में स्थानांतरित किया गया है.

मिनी सचिवालय में सीढिय़ां चढ़ने के दौरान बुजुर्गों

Kota: कोटा के सांगोद तहसील कार्यालय को हाल ही में नवनिर्मित मिनी सचिवालय में स्थानांतरित किया गया है. लेकिन यहां पंजीयन के लिए आने वाले बुजुर्ग व बीमार लोगों की परेशानी और ज्यादा बढ़ गई हैं, हालत यह है कि जिस अवस्था में बुजुर्ग चल-फिर नहीं सकते उस हालत में भी कार्यालय में बुजुर्गों को पंजीयन जैसे कार्य के लिए मिनी सचिवालय की कई सारी सीढिय़ां चढ़कर आना-जाना पड़ रहा हैं, इस दौरान उन्हें कई समस्याओं से भी जूझना पड़ रहा है. उल्लेखनीय है कि मिनी सचिवालय की दूसरी मंजिल पर संचालित तहसील कार्यालय में रोजाना पंजीयन संबंधित कार्य के लिए बड़ी संख्या में बुजुर्ग, बीमार, विकलांग और यहां तक की गर्भवती महिलाएं भी आती है, लेकिन पंजीयन कार्य के पहले इन्हें अपने सब्र और शारीरिक क्षमता की मजबूती का कड़ा इम्तिहान देना पड़ रहा हैं. पंजीयन के लिए लोगों को भवन की कई सारी सीढिय़ों से चढ़ते हुए उपरी मंजिल पर बने कार्यालय तक आना-जाना पड़ता है, जो इनके लिए परेशानी भरा साबित हो रहा हैं.

अनहोनी होने की भी आशंका 

मिनी सचिवालय की सीढिय़ां चढ़ने के दौरान बुजुर्गों की हालत ज्यादा खराब होती हैं, कार्यालय तक पहुंचने के लिए सीढिय़ों पर चढ़ते व उतरते समय कई बार सांस फूलती है, तो कई बार घुटने जवाब दे जाते हैं. ऐसे में परिजन व अन्य लोगों की मदद से बुजुर्गो को कार्यालय तक लाना व ले जाना पड़ रहा हैं. कई  बुजुर्गों, बीमारों व विकलांगों को तो परिजन उठाकर कार्यालय तक लाते व ले जाते हैं आए दिन यहां ऐसे नजारें दिख रहें हैं. अभिभाषक परिषद अध्यक्ष सत्येन्द्र गुप्ता ने बताया कि विभाग को इस समस्या का समाधान करना चाहिए, कई सारी सीढिय़ां चढ़कर आने जाने से कई बुजुर्गों , विकलांग एवं बीमार लोगों के साथ अनहोनी की आशंका रहती हैं.

 

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