कोटा के एक शख्स सुजीत स्वामी की जिद के आगे रेलवे (Indian Railway) ने घुटना टेक दिया है. सुजीत ने बस 2 रुपए के लिए लड़ाई लड़ी थी. अब रेलवे 2.43 करोड़ रुपया देगा, जिसका फायदा 2.98 लाख लोगों को मिलेगा.
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Kota: कहते है ना मुमकिन कुछ भी नहीं, और जब बात जिद की आ जाए तो कुछ भी कर पाना असम्भव नहीं है. इस हकीकत को मुमकिन किया कोटा के एक शख्स सुजीत स्वामी ने और अपनी जिद के आगे झुका ही दिया भारतीय रेलवे को.
दरअसल विवाद सिर्फ 2 रूपए का था, जो रेलवे ने नहीं दिये. युवक ने रेलवे पर केस कर दिया और अब रेलवे को चुकाने पड़ेंगे 2 के बदले 2 करोड़ 43 लाख. इसका फायदा करीब 3 लाख रेल यात्रियों को मिलने वाला है.
कोटा के एक शख्स की जिद के आगे रेलवे ने घुटने टेका
कोटा के एक शख्स सुजीत स्वामी की जिद के आगे रेलवे (Indian Railway) ने घुटना टेक दिया है. सुजीत ने बस 2 रुपए के लिए लड़ाई लड़ी थी. अब रेलवे 2.43 करोड़ रुपया देगा, जिसका फायदा 2.98 लाख लोगों को मिलेगा. जी हां.. पहले तो सुजीत ने रेलवे से 35 रुपये का रिफंड पाने के लिए 5 साल तक लड़ाई लड़ी और आखिरी में जीत हासिल कर ली. इस शख्स की जीत से करीब 3 लाख लोगों को फायदा होगा.
कोटा के इंजीनियर सुजीत स्वामी (Sujeet Swami) ने एक RTI जवाब के हवाले से कहा कि रेलवे ने 2.98 लाख IRCTC यूजर्स को रिफंड में 2.43 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है.
स्वामी ने कहा कि GST सिस्टम लागू से होने से पहले ही टिकट कैंसल कराने पर 35 रुपये बतौर सर्विस टैक्स काट लिए गए थे. ऐसे में उन्होंने सूचना का अधिकार एप्लीकेशन (Right to Information applications) दाखिल किए. इसके साथ ही चार सरकारी विभागों को पत्र भी लिखा. स्वामी ने दावा किया कि इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (IRCTC) ने अपने RTI जवाब में कहा है कि वो 2.98 लाख यूजर्स को प्रत्येक टिकट पर 35 रुपये वापस करेगा. जो कि कुल 2.43 करोड़ रुपये होते हैं.
आरटीआई के जरिये मांगा जवाब
सुजीत स्वामी के रुपए जब काटे गए, तो उन्होंने आरटीआई के जरिये यह जानना चाहा कि उस ट्रेन के कितने लोगों के कितने रुपए काटे गए हैं. पता चला कि 2.98 लाख यूजर्स का रुपया काटा गया है. पैसे वापसी की मांग को लेकर उन्होंने बार-बार ट्वीट किया. उन्होंने प्रधानमंत्री, रेल मंत्री, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, GST काउंसिल और फाइनेंस मिनिस्ट्री को टैग किया. जिससे 2.98 लाख यूजर्स को 35-35 रुपये वापस दिलाने में मदद मिली.
वर्ष 2017 में बुक किया था टिकट
उन्होंने दो जुलाई 2017 को यात्रा करने के लिए 7 अप्रैल को स्वर्ण मंदिर मेल में कोटा से दिल्ली तक का टिकट बुक किया था. देश भर में एक जुलाई से GST की नई व्यवस्था लागू हुई थी. हालांकि, उन्होंने टिकट कैंसल करा लिया था. जिसकी कीमत 765 रुपये थी और उन्हें 100 रुपये की कटौती के साथ 665 रुपये वापस मिले. जबकि उनके 65 रुपये कटने चाहिए थे. स्वामी ने आगे बताया कि उनसे सर्विस टैक्स के तौर पर 35 रुपये अतिरिक्त काट लिए गए.
IRCTC ने 33 रुपये किए वापस, तो फिर लड़ी लड़ाई
स्वामी ने रेलवे और फाइनेंस मिनिस्ट्री को RTI के जरिए 35 रुपये पाने के लिए लड़ाई शुरू की. RTI के जवाब में IRCTC ने कहा था, 35 रुपये वापस कर दिए जाएंगे. स्वामी ने कहा कि उन्हें एक मई 2019 को 33 रुपये वापस मिले और दो रुपये की कटौती की गई. आखिरकार काफी दिनों के प्रयास के बाद मामला रेलवे मंत्रालय के वित्त आयुक्त और सचिव भारत सरकार, आईआरसीटीसी, मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस (रेवेन्यू) डिपार्टमेंट के सचिव और जीएसटी काउंसिल तक पहुंच गया.
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इस दौरान सुजीत ने हर दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री को कई ट्वीट भी किए. वहीं हाल में रेलवे अधिकारी की तरफ से सुजीत को बताया गया कि उनका रिफंड अप्रूव कर दिया गया है और वह 30 मई तक उन्हें मिल गया है, जिसे वह पीएम केयर फंड में डोनेट करेंगे. वहीं रेलवे ने बाकी सभी उपभोक्ताओं को भी रिफंड करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.