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Rajasthan: क्या है कोटा में खुलने वाले इमोश्नल वेलबिंग सेंटर का मतलब? कैसे स्टूडेंट्स की टेंशन दूर करने और सुसाइड रोकने में करेगी मदद

Emotional Wellbeing Center: राजस्थान में इमोशनल वेलबींग सेंटर की शुरुआत हुई है, जिसमें यह सेंटर छात्रों को तनाव मुक्त करने और आत्महत्या को रोकने में मदद करेगा. आज हम आपको इस आर्टिकल में बताते हैं कि आखिर कैसे यह सेंटर इमोश्नल वेलबिंग सेंटर छात्रों को तनाव और आत्महत्या करने के ख्यालों को रोकने में मदद करेगी.

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कोटा में आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए जिला प्रशासन, पुलिस, सामाजिक संस्थाएं, व्यवसायिक संस्थाएं और कोचिंग संस्थान मिलकर सकारात्मक माहौल बनाने के प्रयास कर रहे हैं. इसी कवायद में इमोशनल वेलबींग सेंटर की स्थापना की गई है, जो देश भर के छात्रों की काउंसलिंग करेगा. 80 से अधिक विशेषज्ञों की टीम छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान करने में सहायता करेगी, ताकि वे अपने जीवन को सकारात्मक और स्वस्थ तरीके से जी सकें.

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यह सेंटर छात्रों को तनाव मुक्त करने और आत्महत्या की रोकथाम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. संयुक्त प्रयासों से कोटा में सकारात्मक माहौल बनाने का लक्ष्य है, ताकि छात्रों को जीवन के चुनौतियों का सामना करने में मदद मिल सके. 

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कोटा में एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट द्वारा शुरू किए गए इमोशनल वेलबींग सेंटर का उद्देश्य छात्रों को तनाव मुक्त और सकारात्मक बनाना है. यह सेंटर विद्यार्थियों की समस्याओं का वैज्ञानिक तरीके से समाधान करेगा. यहाँ एक्सपर्ट्स छात्रों की अकादमिक, मानसिक और भावनात्मक समस्याओं का समाधान करेंगे, ताकि वे अपने जीवन को सकारात्मक और स्वस्थ तरीके से जी सकें. यह सेंटर छात्रों के लिए एक समर्थन प्रणाली के रूप में कार्य करेगा, जिससे वे अपनी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हो सकें.

 

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कोटा के इमोशनल वेलबींग सेंटर में छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान करने के लिए एक अनोखा दृष्टिकोण अपनाया गया है. यहाँ काउंसलिंग जैसे शब्दों का उपयोग नहीं किया जाता, क्योंकि इससे लोग मानसिक रोग की धारणा से जोड़ते हैं और इलाज कराने से डरते हैं. इसके बजाय, छात्रों को सहायता प्रदान करने के लिए विभिन्न तरीके अपनाए गए हैं, जैसे कि स्टूडेंट्स हेल्पलाइन नंबर पर फोन करना, वाट्सएप पर मैसेज करना, सेंटर के प्रतिनिधि से सीधे मिलना, या स्टूडेंट्स वेलफेयर सोसाइटी के प्रतिनिधि से समस्या साझा करना. यह दृष्टिकोण छात्रों को अपनी समस्याओं के बारे में खुलकर बात करने में मदद करेगा और उन्हें समर्थन प्रदान करेगा.

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इमोशनल वेलबिंग सेंटर में विशेषज्ञ बच्चों से बातचीत करके उनकी मानसिक स्थिति को समझते हैं और फिर उनकी समस्याओं के अनुसार उन्हें विशेषज्ञों के पास भेजा जाता है. यहाँ रिलेशनशिप, अकादमिक समस्याएं, आत्म-सम्मान, ड्रग एडिक्शन और इंटरनेट एडिक्शन जैसे विभिन्न मुद्दों के लिए अलग-अलग विशेषज्ञ हैं. ये विशेषज्ञ बच्चे की मानसिकता का अध्ययन करके उनकी समस्याओं का समाधान करते हैं.

 

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इस सेंटर में क्लीनिकल और नॉन-क्लीनिकल डॉक्टर्स भी जुड़े हुए हैं, जो छात्रों के लिए काम कर रहे हैं. यह सुनिश्चित करता है कि छात्रों को व्यापक और विशेषज्ञ समर्थन प्राप्त हो, जिससे वे अपनी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हो सकें.