अधिकारी, कॉन्स्टेबल का तबादला, लेकिन दीवार पर नंबर वही..जी हां बिगड़ा पुलिस का बीट सिस्टम
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अधिकारी, कॉन्स्टेबल का तबादला, लेकिन दीवार पर नंबर वही..जी हां बिगड़ा पुलिस का बीट सिस्टम

कोटा में पुलिस का बीट सिस्टम बिगड़ चुका है. ऐसे में जनता और पुलिस के बीच दूरियां बढ़ रही है. अब हालात यह हैं कि आइटी का जमाना होने के बाद भी कोई भी घटना हो तो बताने के लिए थाने पर जाना पड़ता है.

अधिकारी, कॉन्स्टेबल का तबादला, लेकिन दीवार पर नंबर वही..जी हां बिगड़ा पुलिस का बीट सिस्टम

Pipalda: अपराधों की रोकथाम और किसी भी घटना की सूचना तत्काल पुलिस को देने के लिए बीट व्यवस्था शुरू की गई थी लेकिन यह व्यवस्था धीरे-धीरे अब पूरी तरह पटरी से उतर चुकी है. अब यह व्यवस्था महज कागजों में रह गई है. आमजन को पता ही नहीं है कि उनके क्षेत्र का बीट कॉन्स्टेबल कौन है. वारदात होने पर किसे सूचना दें. पुलिस महकमे ने इस व्यवस्था को जनता तक पहुंचाने के लिए वार्डों में दीवारें पुतवा कर बीट कॉन्स्टेबल, बीट प्रभारी व थाने के बेसिक फोन व मोबाइल नंबर अंकित करवाए थे. जो अब धूमिल हो चुके हैं.

ऐसे में जनता और पुलिस के बीच दूरियां बढ़ रही है. अब हालात यह हैं कि आइटी का जमाना होने के बाद भी कोई भी घटना हो तो बताने के लिए थाने पर जाना पड़ता है क्योंकि किसी के पास बीट कॉन्स्टेबल के नम्बर ही नहीं. सूचना तंत्र को मजबूत करने के लिए पुलिस की ओर से की गई बीट व्यवस्था कोशिश फिलहाल कारगर नहीं हो रही है.

वर्तमान में हालात यह है कि थाना क्षेत्र में अधिकांश जगह पर बीट कॉन्स्टेबल, थाना प्रभारी के नाम नंबर धुंधले होने के अलावा कई जगह मिट गए हैं. जो पुलिस प्रशासन ने दोबारा नहीं लिखवाए हैं. बीट अनुसार जहां नाम नंबर लिखे हुए हैं उनमें बीट प्रभारी व बीट कॉन्स्टेबल के तबादले हो चुके हैं. ऐसे हालात में किसी तरह की वारदात होने पर पुलिस को सूचना समय पर नहीं मिल पाती जिससे पुलिस देरी से पहुंचती है और अपराधियों का भागने का मौका मिल जाता है.

नगर समेत क्षेत्र में विभिन्न वार्डों व गांवों में सरकारी इमारतों पर बीट प्रभारी के पुराने नम्बर अंकित है. लेकिन अब कोई ध्यान नहीं देने से सब के सब धूमिल हो गए है.थाना स्तर पर एएसआई व हैड कांस्टेबल के कम समय में तबादले होने से भी बीट व्यवस्था को कारगर बनाए रखने में परेशानी होती है. पुलिस की मौजूदा व्यवस्था में अब एएसआई व हेड कॉन्स्टेबल एक थाने पर अधिक समय तक नहीं टिकते हैं. थाना स्तर पर भी बीट प्रभारियों में बदलाव होते रहते हैं.

अपडेट नहीं होती समय पर सूचना 

पुलिस विभाग ने बीट क्षेत्रों में सार्वजनिक स्थान पर थाना, थाना प्रभारी ओर बीट अधिकारी के नाम और नम्बर दीवारों बोर्डों पर अंकित कराए थे. जब इन्हें लिखवाया गया तब इनकी प्रासंगिकता थी. लेकिन महकमे में फेरबदल से कइयों के तबादले हो गए या कई सेवानिवृत्त तक हो गए. थाना क्षेत्रों में नए अधिकारियों कॉन्स्टेबल की सूचना अपडेट नहीं की गई. वर्तमान में हालात यह है कि दीगोद उपखण्ड क्षेत्र में मौजूद 4 पुलिस थाने दीगोद,सुल्तानपुर,सिमलिया व बुडादित इलाकों में जनता को यह पता ही नहीं है कि उनका बीट कॉन्स्टेबल कौन है और उससे तुरंत सम्पर्क कैसे किया जाए.

बीट कॉन्स्टेबल की बीट व्यवस्था के तहत शहर में वार्ड स्तर पर व ग्राम पंचायतों में गांव के स्तर पर अलग-अलग बीट बांटकर कार्य किया जाता है. बीट प्रभारी के पास ही सम्बन्धित क्षेत्र के सम्मन तामिल कराने व जरूरी सूचनाएं एकत्रित करने व अन्य रिकार्ड रखने की जिम्मेदारी होती है. इसके लिए एएसआई स्तर के अधिकारी को बीट प्रभारी व हेड कॉन्स्टेबल को बीट अधिकारी लगाया जाता है. इनको क्षेत्र की कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी भी सौंपी जाती है. इससे बीट में कहीं झगड़ा, हत्या व बलवा आदि होने की सूचना तत्काल पुलिस को मिल जाती है.

इनका यह है कहना

बीट कॉन्स्टेबल की आमजन के बीच सूचना अपडेट करने के लिए निर्देशित किया जाएगा. सूचना पट्टों को भी अपडेट करवाने के लिए कह दिया गया है. आमजन के बीच बीट कांस्टेबल बराबर सम्पर्क में रहती है.

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