Navratri Special: राजस्थान में यहां नवरात्रि में इस देवी को नहीं कराया जाता हैं स्नान, जानिए इनकी महिमा और कहानी
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Navratri Special: राजस्थान में यहां नवरात्रि में इस देवी को नहीं कराया जाता हैं स्नान, जानिए इनकी महिमा और कहानी

 Kaila Devi: कैला देवी मंदिर में करीब 17 दिन चलने वाले चैत्र नवरात्रि मेले में लगभग 40 लाख श्रद्धालुओं के आने की आशंका हैं. यहां राजस्थान के अलावा उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, दिल्ली सहित कई जगहों से कैलादेवी पहुंचते है. 

karauli Kaila devi temple

 Kaila Devi: नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. उत्तर भारत में स्थित प्रसिद्ध तीर्थ स्थल कैलादेवी सहित जिले भर में चैत्र नवरात्रि का आयोजन किया गया है. इस उत्सव में 9 दिनों तक माता की पूजा-अर्चना, शतचंडी पाठ, भैरव स्त्रोत पाठ, कन्या-लांगरा पूजन, सहित अनेकों धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जा रहा है. 

इसके साथ ही, जिलेभर के सभी घर-घर में देवी स्थापना, पूजा-पाठ, और अनुष्ठान हो रहे हैं. कैला देवी मंदिर में करीब 17 दिन चलने वाले चैत्र नवरात्रि मेले में लगभग 40 लाख श्रद्धालुओं के आने की आशंका हैं. यहां राजस्थान के अलावा उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, दिल्ली सहित कई जगहों से कैलादेवी पहुंचते है. 

वहीं, इस अवसर पर इस बार पहले नवरात्रि के दिन करीब 8 से 10 लाख श्रद्धालु पदयात्रा करते हुए माता की भक्ति करते हैं. नवरात्रि के पहले दिन, माता के दरबार में श्रद्धालुओं ने धोक लगाकर घर- परिवार की खुशहाली की मनौती मांगी. उन्हें देवी माता के दर्शन करने का अवसर मिला. कैला देवी मंदिर प्रबंधक विवेक द्विवेदी और संतोष सिंह ने बताया कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन को पहुंचे हैं. इसके साथ ही, कैलादेवी की विभिन्न धर्मशालाओं में भी श्रद्धालुओं ने देवी का अनुष्ठान शुरू किया है.

बता दें कि  राज परिवार के राज ऋषि प्रकाश जत्ती के निर्देशन में कैला माता मंदिर में मंत्रोच्चार के साथ घट स्थापना की गई है. नवरात्रि के दौरान, 15 पंडित विशेष पूजन, पाठ, और अनुष्ठान करते हैं, जबकि कन्या  की जीनम कारया गया.

कौन है कैला देवी माता
 कैला देवी प्रमुख शक्ति पीठों में शामिल है. कैलादेवी राजपरिवार की कुल देवी है.  माता के मंदिर की सेवा, व्यवस्था राज परिवार संभालता है.  श्रद्धालु माता को प्रसादी, चुनरी चढ़ा कर मनौती मांगते है.
राज ऋषि ने बताया कि करीब 9 दिन तक इन नवरात्रि में कैला माता की पोशाक नहीं बदली जाती.  ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान माता ने राक्षसों का वध किया था. इसके चलते 9 दिन तक माता को स्नान नहीं कराया जाता और पोशाक भी नहीं बदली जाती.  नवरात्रि समापन पर माता के विशेष अनुष्ठान के साथ नई पोशाक धारण कराई जाती है. नवरात्रि के दौरान माता के मंदिर की भी धुलाई नहीं होती है.

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