karauli news: जन्माष्टमी के अवसर पर करौली में आयोजित हुई ये अनोखी प्रतियोगिता, बड़ों के साथ-साथ बच्चों ने भी लिया हिस्सा
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karauli news: जन्माष्टमी के अवसर पर करौली में आयोजित हुई ये अनोखी प्रतियोगिता, बड़ों के साथ-साथ बच्चों ने भी लिया हिस्सा

karauli news: करौली में कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर सुबह से ही ये काटा, वो मारा का शोर सुनाई देने लगा. युवा, बच्चें और जवान अपनी छतों पर चढ़कर पतंग उड़ाते नजर आए.

 

karauli news: जन्माष्टमी के अवसर पर करौली में आयोजित हुई ये अनोखी प्रतियोगिता, बड़ों के साथ-साथ बच्चों ने भी लिया हिस्सा

 karauli news: करौली में कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर सुबह से ही ये काटा, वो मारा का शोर सुनाई देने लगा. युवा, बच्चें और जवान अपनी छतों पर चढ़कर पतंग उड़ाते नजर आए. कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर जिले में पतंगबाजी की पुरानी परंपरा रही है. इस अवसर पर बाजारों में पतंग की दुकान पर पतंगबाजों की अच्छी खासी भीड़ नजर आई. कृष्ण जन्माष्टमी पर सुबह से लेकर देर शाम तक बच्चे, पुरूष व महिलाएं अपने अपने घरों की छतों पर जाकर दिनभर पतंग उड़ाते हैं. जिससे गलियों में ये काटा-वो मारा का शोर सुनाई देता है. 

जिला मुख्यालय सहित हिण्डौन, मासलपुर, मंडरायल, सपोटरा व ग्रामीण क्षेत्रों में एक दिन पूर्व पतंगबाजों ने पतंगों की दुकानों से पतंग व माझा-डोर खरीद कर रख लिए, ताकि जन्माष्टमी को दिन भर पतंगों की कमी नहीं आए. बड़ों के साथ बच्चों में भी पतंग उड़ाने का खासा जुनून दिखा. बच्चें तड़के सवेरे ही छतों पर चढ़ गए और पतंग उड़ाने लगे. अधिकांश घरों की छतों पर पतंगबाजों ने अपनी-अपनी छतों पर बारिश व धूप से बचने के लिए त्रिपाल, चद्दर, छतरी व मनोरंजन के लिए लाउड स्पीकर और म्यूजिक सिस्टम लगा लिए तथा संगीत की धुन पर पतंगबाजी का आनंद उठाते व नाचते नजर आए. 

इस दौरान कई पतंगबाजों में पतंबाजी के मैच हुए. मैच में एक पार्टी की पतंग दूसरी पार्टी द्वारा काटने पर दूसरी पार्टी के लोग लाउड स्पीकरों से ये काटा-वो मारा का शोर करते और जश्न मनाते दिखे. तड़के सवेरे शुरू हुआ पतंगबाजी का यह दौर शाम तक चलेगा. पतंग उड़ाने वालों के साथ पतंग लूटने वालों का भी अलग अंदाज नजर आया. जब किसी पतंगबाज की पतंग कटती है तो गली व छतों पर बड़े व बच्चे उसे लूटने के लिए दौड़ पड़ते है. पतंग बाजों के साथ-साथ उनके परिवार की महिलाओं ने बच्चों के साथ छतों पर चढ़कर पतंगबाजी का भरपूर आनंद लिया.  

पतंगबाजी का दौर रक्षाबंधन से करीब एक माह पूर्व शुरू हो जाता है. विक्रेताओं ने बताया कि चाइनीज माझे पर सरकारी सख्ती के कारण इस बार चीन निर्मित मांझे की बाजार में बिक्री नहीं हो रही है. बाजार में कई प्रकार की पतंगें मिल रही हैं. जिनमें राज नेता, फिल्मी कलाकार जानवरों की आकार वाली पतंगे बाजार में उपलब्ध है. तो वही कार्टून पात्रों के चेहरों की भी पतंगे खूब बिक रही हैं. 

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