करौली जिले के टोडाभीम उपखंड मुख्यालय पर स्थित राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इन दिनों अव्यवस्थाओं का आलम देखने को मिल रहा है.
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Todabhim: राजस्थान के करौली जिले के टोडाभीम उपखंड मुख्यालय पर स्थित राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इन दिनों अव्यवस्थाओं का आलम देखने को मिल रहा है. चिकित्सालय में सोनोग्राफी के चिकित्सक के देरी से आने के कारण मरीजों को घंटो तक इंतजार करना पड़ता है. सोनोग्राफी के लिए मरीज अस्पताल खुलने के निर्धारित समय सुबह 8:00 बजे ही अस्पताल परिसर में आ जाते हैं लेकिन सोनोगफी चिकित्सक के नहीं आने से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
समाजसेवी आसाराम मीणा ने बताया कि सोनोग्राफी के चिकित्सक 10:00 बजे चिकित्सालय में आते हैं जिससे मरीजों को सोनोग्राफी के लिए 2 घंटे इंतजार करना पड़ता है. उन्होंने बताया कि वे कई बार चिकित्सालय में कई मरीजों की सोनोग्राफी करवाने के लिए गए तो सोनोग्राफी कक्ष में चिकित्सक नदारद मिले. सोनोग्राफी करने वाले चिकित्सक के बारे में अन्य कर्मचारियों से पूछने पर उन्होंने बताया कि सोनोग्राफी के चिकित्सक डॉ. केदार नेवला 10:00 बजे ही चिकित्सालय में आते हैं और उनके आने के बाद ही सोनोग्राफी की जाएगी.
चिकित्सक के देरी से आने की शिकायत उन्होंने उपखंड अधिकारी दुर्गाप्रसाद मीणा को दूरभाष के जरिए की, जिस पर उपखंड अधिकारी ने कहा कि इस बारे में चिकित्सा प्रभारी अधिकारी डॉ. अमरसिंह मीणा से जानकारी लेकर चिकित्सक को समय पर आने के लिए पाबंद किया जाएगा और व्यवस्थाओं में सुधार करवाया जाएगा. गौरतलब है कि चिकित्सालय में अव्यवस्थाओं को लेकर कई बार शिकायतें की जाती हैं लेकिन उन्हें नजरअंदाज कर दिया जाता है, ऐसे में सोनोग्राफी के लिए चिकित्सालय आने वाले मरीजों को इंतजार की परेशानी का सामना करना पड़ता है.
वहीं मामले की शिकायत के बाद चिकित्सा प्रभारी डॉ अमर सिंह मीणा के द्वारा सोनोग्राफी चिकित्सक से लेट आने के बारे में पूछा गया तो चिकित्सक ने किसी कारणवश लेट होने का हवाला दिया और भविष्य में दोबारा इस तरह की गलती नहीं दोहराने की बात कही है. वहीं मरीज द्वारा की गई शिकायत पर कार्रवाई करते हुए चिकित्सा प्रभारी ने एक आदेश जारी कर सोनोग्राफी चिकित्सक डॉक्टर केदार नेवला को समय पर आने के लिए पाबंद किया है.
इसके साथ ही सोनोग्राफी चिकित्सक डॉ केदार नेवला से उनके ऊपर लगे लेट आने से आरोप की जानकारी की गई तो उन्होंने सफाई देते हुए बताया कि वे समय पर ही आते हैं लेकिन जिस मरीज द्वारा लेट आने की शिकायत की गई उस समय सोनोग्राफी कराने आए मरीज के पास आधार कार्ड नहीं था और वह आधार कार्ड लेने चले गए उसके बाद वह वापस आए तो उनका नंबर कट चुका था और अन्य मरीजों के बाद सोनोग्राफी करने के लिए उनसे कहा गया तो उनके द्वारा इस तरह की शिकायत की गई.
वहीं सोनोग्राफी चिकित्सक डॉ केदार नेवला के द्वारा चिकित्सा प्रभारी डॉक्टर अमर सिंह मीणा पर कई आरोप लगाए गए. डॉ केदार नेवला ने बताया कि वह स्थानीय ना होकर भरतपुर जिले के कस्बा भुसावर के निवासी हैं और इंचार्ज सहित समस्त स्टाफ स्थानीय निवासी है वह जबरदस्ती रूल से बाहर पी सी पी एन डी टी एक्ट के बाहर उनसे कार्य कराना चाहते है जो उनके द्वारा करना संभव नहीं है.
डॉ केदार ने बताया कि इंचार्ज अमरसिंह मीना की मोनोपोली से उनकी शिकायतें की जा रही है. वहीं चिकित्सक केदार नेवला ने बताया कि सोनोग्राफी रूम में चिकित्सा प्रभारी द्वारा उन्हें कोई सुविधा मुहैया नहीं करवा रखी है. उनके पास ना तो कोई गार्ड है ना ही कोई चपरासी है. उक्त समस्या को लेकर उनके द्वारा चिकित्सा प्रभारी सहित उच्च अधिकारियों तक अवगत करवा रखा है लेकिन उन्हें कोई सुविधा मुहैया नहीं करवाई जा रही है, जिसके चलते उन्हें इस तरह की शिकायतों को फेस करना पड़ रहा है. मामला जो भी हो लेकिन चिकित्सकों के चिकित्सालय में देरी से आने के कारण मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है ऐसे में अब लोगों को समस्या से निजात मिलने का इंतजार हैं.
Reporter: Ashish Chaturvedi
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