सब जानते हैं कि रावण की लंका सोने से बनी थी. जिस हनुमान जी ने जलाकर नष्ट किया था. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस सोने की लंका का निर्माण रावण ने नहीं किया था.
रावण से इस सोने की लंका को छल से हड़प लिया था. मान्यता है कि भगवान शिव में सोने की लंका बनवायी थी. विश्वकर्मा और कुबेर को ये जिम्मेदारी सौंपी गयी थी.
एक दिन माता पार्वती ने शिव शंकर से कहा कि देवताओं के जैसे महल का निर्माण कराया जाए. तभी शिव शंकर ने सोने की लंका बनवायी थी.
रामायण काल में इस सोने की लंका की चर्चा हर तरफ थी. रावण की नजर जब लंका पर पड़ी तो उसके मन में लालच आ गया. वो भेष बदलकर भगवान भोलेनाथ के पास पहुंचा और दान मांगा.
भोलेनाथ से रावण ने दान में सोने की लंका को ही मांग लिया. ऐसे धोखे से रावण ने लंका को हथिया लिया. जिसके बारे में जब माता पार्वती को पता चला तो वो बहुत नाराज हो गयी.
क्रोधित पार्वती जी ने रावण को श्राप दिया कि एक दिन उसकी लंका भस्म हो जाएगी. कुछ समय बाद ही सीता जी का अपहरण हुआ और फिर रामायण कथा के अनुसार हनुमान जी ने सोने की लंका को जला दिया.
(डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी है. जिसकी जी मीडिया पुष्टि नहीं करता है)
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