Kulhad Chai : राजस्थान में खान-पान के शौकीन रहते हैं. खासतौर पर जोधपुर को खबोड़ों का शहर कहा जाता है. ये मैं इसलिए कह सकती हूं. क्यों की जोधपुर की बहू हूं. यहां जब परिवार के लोग साथ बैठते हैं तो बात खाने से शुरू होती है और उसी के प्रकार पर खत्म भी हो जाती है.
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Kulhad Chai : अगर आपको ये गलतफहमी है कि राजस्थान में सिर्फ दाल-बाटी-चूरमा ही मिलता है तो आपको राजस्थान आने की जरूरत है. खासतौर पर जोधपुर में. राजस्थान में खान-पान के शौकीन रहते हैं.
जोधपुर को lतो खबोड़ों का शहर कहा जाता है. ये मैं इसलिए कह सकती हूं. क्यों की जोधपुर की बहू हूं. यहां जब परिवार के लोग साथ बैठते हैं तो बात खाने से शुरू होती है और उसी के किसी ना किसी प्रकार पर चटकारे लेते हुए खत्म भी हो जाती है.
अब चाहे सुबह की शुरुआत चाय से ही क्यों ना हो. लेकिन ये चाय भी खास होनी चाहिए. बिल्कुल ऐसी ही चाय जोधपुर में मिल रही है, जहां लोग चाय की चुस्कियों के साथ कुल्हड़ भी खा रहे हैं.
जोधपुर की इस इको फ्रेंडली चाय शॉप में ऐसे कुल्हड़ में ये चाय दी जा रही है जिसे खाया जा सकता है. इस दुकान के मालिक का कहना है कि ये आइडिया उन्हे उदयपुर में मिला. जहां चाय के कुल्हड़ भी अलग अलग फ्लेवर के आते हैं. आप मन चाहे फ्लेवर में चाय पी कर उस कुल्हड़ को खा सकते हैं.
इस चाय की कीमत आम तौर पर मिलने वाली 5-10 रुपए की चाय से थोड़ी ज्यादा है. लेकिन चाय के शौकीन लोगों के लिए ये कीमत ज्यादा नहीं होगी. ये चाय 25 रुपए की मिल रही है. अब बात कुल्हड़ के प्लेवर की गरमा गरम चाय की चुस्की लेते हुए आप इलायची, वनीला फ्लेवर के कुल्हड़ को खा भी सकते हैं.
प्लास्टिक पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती है. इस पर बैन भी लग रहा है. ऐसे में स्वाद के साथ पर्यावरण का बचाव करने का ये तरीका सच में लाजवाब है. चाय जिस कप में पी रहे हैं उसे फेंके ना बल्कि उसे खा जाएं.
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