Bizarre Wedding News: वैसे तो आपने कई तरह की शादियां देखी होंगी. हो सकता है कि आपने महंगी से महंगी शादी भी अटेंड की हों और एक से बढ़कर एक सुंदर दूल्हा दुल्हन की जोड़ियों को भी देखा हो लेकिन आज हम आपको जिस दूल्हा-दुल्हन को दिखाएंगे, उनकी शादी की रस्में देखकर आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी.
जी हां, यह तो आप जानते ही हैं कि हमारे भारत में बड़े ही धूमधाम के साथ रीति-रिवाजों को पूरा करते हुए शादियां की जाती हैं. जमाना भले ही कितना बदल गया हो लेकिन परंपराएं आज भी नहीं बदली हैं. आज भी यहां पर सात फेरे लिए जाते हैं और मांग में सिंदूर भरा जाता है. हर कोई अपनी सहूलियत के हिसाब से अपनी शादी को खास बनाता है लेकिन आज हम आपको जिस दुल्हन से मिलवाएंगे, उसने अपनी शादी में खास के बजाय कुछ अनोखा ही कारनामा करके सुर्खियां बटोर ली हैं.
आज तक आपने जितनी भी शादियां देखी होगी, उसमें हमेशा दूल्हा ही दुल्हन की मांग भरता है, हमेशा दूल्हा ही सिंदूर दान की रस्म को पूरा करता है लेकिन इस अनोखी शादी में एक दुल्हन ने खुद अपने दूल्हे की मांग भरी है. शादी की खास बात तो तब और हो गई, जब दूल्हे के माता-पिता नहीं 'कन्यादान' की तर्ज पर ही अपने बेटे का 'कुंवरदान' किया. नजारा तब और ज्यादा मजेदार हो गया, जब घर से विदा होते समय दूल्हे ने दुल्हन की तरह ही चावल भी फेंके. अब आपको लग रहा होगा कि यह आखिर क्या हो रहा था. दूल्हे की सारी रस्मों को आखिर क्यों दुल्हन ने अदा किया?
इस बात का खुलासा खुद दुल्हन फलाषा ने किया. उनका कहना है कि वह जेंडर इक्वालिटी में भरोसा रखती हैं और उनका मानना है कि महिला हो या फिर पुरुष, दोनों बराबर है और दोनों को ही बराबर समझा जाना चाहिए. साथ ही हर काम को मिलजुल कर करना चाहिए.
जानकारी के मुताबिक, दुल्हन फलाषा पेशे से एक हेल्थ सिस्टम रिसर्चर है. उन्होंने साल 2022 में शिव वर्मा से शादी रचाई थी. फलाषा टिपिकल ब्राइड नहीं बनना चाहती थी इसलिए उन्होंने अपनी शादी के रीति-रिवाजों में कुछ बदलाव किए लेकिन फलाषा को यह पता था कि उनकी इस अनोखी शादी पर लोगों के अलग-अलग रिएक्शन आएंगे लेकिन फिर भी फलाषा ने इन सब बातों की कोई परवाह नहीं की.
कुछ लोगों को तो दुल्हन फलाषा की यए सोच पसंद आई लेकिन कुछ लोग दूल्हे की रस्मों को फलाषा के द्वारा अदा करने पर भड़क गए. लोगों ने फलाषा पर व्यंग्य कसते हुए कहा कि शादी में इतना ही ड्रामा करना था तो कोर्ट मैरिज कर लेनी चाहिए थी लेकिन सदियों से चली आ रही परंपराओं को नहीं बदलना चाहिए. कुछ लोगों ने दुल्हन का पक्ष लिया और कहा कि जेंडर इक्वलिटी को लेकर सोच सही है.
ट्रेन्डिंग फोटोज़