मिट्टी के दीयों की सबसे खास बात यह है कि ये न केवल देखने में अट्रैक्टिव होते हैं बल्कि ये ईको-फ्रेंडली होते हैं. इनके यूज के बाद ये पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. आजकल हार्ट, मटकी, फ्लॉवर, तिकोनी शेप वाले दीये मौजूद हैं. डिज़ाइनर दीपकों को लाल-पीले-नीले रंग से सुंदर पेंट किया गया है.
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Jodhpur: दिवाली का त्योहार आ चुका है. पूरे देश के लोगों ने जोर-शोर के साथ अपने घरों की साफ-सफाई और सजावट शुरू कर दी है. जिधर देखो, दीपावली की रौनक छाई हुई है. राजस्थान के जोधपुर में भी तरह-तरह के दीयों से पूरा शहर गुलजार हो चुका है.
एक दौर था, जब लोग अपने घरों को मिट्टी के दीयों से रोशन करते थे. वहीं, बीच में ऐसा दौर आया, जब मिट्टी के कुम्हारों की जगह चाइनीज लाइट्स ने ले ली. वहीं, एक बार फिर से लोगों से दिवाली जैसे महापर्व पर मिट्टी के दीयों की ओर रुख करना शुरू कर दिया है.
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2020 में आए कोरोना वायरस की वजह से सबका कारोबार ठप हो गया था. इसी लिस्ट में कुम्हारों का काम भी शामिल था लेकिन अब कोरोना लगभग पूरी तरह से खत्म होने की कगार पर है. वहं, साल 2022 में दिवाली पर कुम्हारों के चेहरे खिल उठे हैं. वजह मिट्टी के दीयों की डिमांड बढ़ गई है.
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हालांकि इस दिवाली मिट्टी के दीये थोड़ा ज्यादा डिजायनर हो गए हैं. आज बाजार में सैकड़ों तरीके के डिजाइनर और स्टाइल वाले दीपक मौजूद हैं. ये दीये न केवल देखने में स्टाइलिश हैं बल्कि आपके घरों की शोभा में चार चांद लगा देंगे. जोधपुर के बाजारों में मौजूद तमाम स्टाइलिश दीये लोगों को खूब भा रहे हैं.
ईको-फ्रेंडली होते हैं ये दीये
मिट्टी के दीयों की सबसे खास बात यह है कि ये न केवल देखने में अट्रैक्टिव होते हैं बल्कि ये ईको-फ्रेंडली होते हैं. इनके यूज के बाद ये पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. आजकल हार्ट, मटकी, फ्लॉवर, तिकोनी शेप वाले दीये मौजूद हैं. डिज़ाइनर दीपकों को लाल-पीले-नीले रंग से सुंदर पेंट किया गया है.