Jodhpur News: जोधपुर में नवरात्रि की धूम, मां चामुंडा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब
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Jodhpur News: जोधपुर में नवरात्रि की धूम, मां चामुंडा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब

जोधपुर आज नवरात्रि का दूसरा दिन है और जोधपुर के मेहरानगढ़ किले स्थित मां चामुंडा के मंदिर में दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं का उमड़ना सुबह से ही लगना शुरू हो गया. 9 दिन तक मां के नौ स्वरूपों की पूजा की जाएगी आज शैलपुत्री की पूजा की जाती है. इस नवरात्र को शुभ भी माना जाता है .

Jodhpur News: जोधपुर में नवरात्रि की धूम, मां चामुंडा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब
Jodhpur News: जोधपुर आज नवरात्रि का दूसरा दिन है और जोधपुर के मेहरानगढ़ किले स्थित मां चामुंडा के मंदिर में दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं का उमड़ना सुबह से ही लगना शुरू हो गया. 9 दिन तक मां के नौ स्वरूपों की पूजा की जाएगी आज शैलपुत्री की पूजा की जाती है. इस नवरात्र को शुभ भी माना जाता है . कई लोग तो इस नवरात्र में शुभ कार्य भी करते हैं . यहां तक की वाहन, मकान और अन्य नई वस्तुओं की खरीदारी भी की जाती है और इस नवरात्र के चलते जोधपुर के मेहरानगढ़ स्थित मां चामुंडा माता मंदिर में भी आज से पूजा रचना शुरू हो गयी.

 
सबसे बड़ी बात यह है की पूरे राजस्थान में ही नहीं बल्कि देशभर में मां चामुंडा की मेहरानगढ़ किले में स्थित मूर्ति को काफी प्रभावशाली माना जाता है . माना जाता है कि यंहा विराजने वाली मां चामुंडा अपने भक्तों की रक्षा करती है . यही वजह है कि पाकिस्तान की ओर से बम बरसाए गए थे . तब कोई नुकसान इस शहर को नहीं कर पाए. वही ऐसी कई अफवाएं भी चलती है कि इस मेहरानगढ किले से पूरा पाकिस्तान दिखता है जिसके इतिहास विशेषज्ञ सिर्फ भ्रामक बाते बताते है.

 
आद्यशक्ति मां चामुण्डा की स्तुति में कहा गया है कि जोधपुर के किले पर पंख फैलाने वाली माता तू ही हमारी रक्षक है. मारवाड़ के राठौड़ वंशज चील को मां दुर्गा का दूसरा स्वरूप मानते हैं. राव जोधा को चामुंडा माता मे काफी श्रद्धा थी. चामुंडा माता जोधपुर के शासकों की कुलदेवी हैं. कहा जाता है कि, माता कि कृपा से ही युद्ध के दौरान किले को भारत बचा पाया था. राव जोधा ने 1460 में मेहरानगढ़ किले के पास चामुंडा माता का मंदिर बनवाया और मूर्ति की स्थापना की. 

 
बताया जाता है कि यह मूर्ति जोधपुर के मंडोर से लाकर इस किले में स्थापित की गई थी . चामुंडा मां मात्र शासकों की ही नहीं बल्कि जोधपुर निवासियों की कुलदेवी हैं और आज भी लाखों लोग इनको पूजते हैं. नवरात्रि के दिनों मे यहां विशेष पूजा अर्चना की जाती है. कहा जाता माता के आशीर्वाद से ही सन 1965 में पाकिस्तान के हमले के दौरान किले को कोई छू तक नहीं पाया था.
 
सूर्यनगरी वासियों में चामुण्डा माता के प्रति अटूट आस्था यह भी है कि वर्ष 1965 और 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान जोधपुर किले पर गिरे सैकड़ों बमों को मां चामुण्डा ने जैसे अपने आंचल का कवच पहना दिया था. जोधपुर के विभिन्न जगहों पर बम गिराए गए, लेकिन पुरानी जेल व सरदार क्लब का कुछ हिस्सा ही क्षतिग्रस्त हुआ था. कोई जनहानि नहीं हुई थी. जोधपुर शहरवासी इसे आज भी मां चामुण्डा की कृपा ही मानते हैं.
 
 
 
 
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