Bilara: RHC गौचर भूमि से अवैध अतिक्रम हटाने के दिए आदेश, गड़बड़ी में सरंपंच भी शामिल
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Bilara: RHC गौचर भूमि से अवैध अतिक्रम हटाने के दिए आदेश, गड़बड़ी में सरंपंच भी शामिल

 राजस्थान हाई कोर्ट मुख्य पीठ जोधपुर में जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस कुलदीप माथुर की खण्डपीठ ने लादूसिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई की. पीआईएल पर सुनवाई की.  सुनवाई पर हाईकोर्ट ने प्रशासन को गौचर भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने के आदेश दिए.

Bilara: RHC गौचर भूमि से अवैध अतिक्रम हटाने के दिए आदेश, गड़बड़ी में सरंपंच भी शामिल

Bilara: राजस्थान हाई कोर्ट मुख्य पीठ जोधपुर में जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस कुलदीप माथुर की खण्डपीठ ने लादूसिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई की. पीआईएल पर सुनवाई की.  सुनवाई पर हाईकोर्ट ने प्रशासन को गौचर भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने के आदेश दिए. हाई कोर्ट खंडपीठ ने लादूसिंह, भंवरसिंह, छोटूसिंह, चैनाराम और जोगाराम के अधिवक्ता प्रवीण दयाल दवे और रुचि परिहार के जरिए न्यायालय के समक्ष जनहित याचिका प्रस्तुत कर न्यायालय को बताया था कि ग्राम संबाड़िया के विभिन्न खसरा कुल खसरा 11 रकबा 1781.17 बीघा गौचर भूमि(वह भूमि जो पशुओं के चरने के लिए खाली छोड़ रखा हुआ हो.) स्थित है, जहां पर अवैध  अतिक्रमण कर ट्यूबवेल बनाए जा रहे है. साथ ही विद्युत कनेक्शन लिये जा रहे है. संपूर्ण चारागाह भूमि पर अतिक्रमण किया जा चुका है, जिसमें वर्तमान सरपंच भी सम्मिलित है.

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इस  याचिका में यह भी बताया कि गौचर भूमि पर अतिक्रमण मुक्त करने के संदर्भ में मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार, उपखण्ड अधिकारी बिलाड़ा, विकास अधिकारी बिलाड़ा, तहसीलदार बिलाड़ा, कलेक्टर जोधपुर को ज्ञापन देने के बावजूद कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिस पर पहले 1 दिसंबर 2018  को जस्टिस संगीत लोढ़ा और दिनेश मेहता  के जरिए  सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और अन्य को नोटिस जारी कर याचिका के लंबित रहते गौचर भूमि पर किसी भी प्रकार के अन्य कार्य पर रोक लगाई है. साथ ही गौचर भूमि पर यथास्थिति को हटाने के आदेश जारी किया था.  इसके बाद दुबार आदेश कर  कुल 1781.17 बीघा  भूमि पर किये गये अवैध अतिक्रमण को हटाने के संदर्भ में उचित कार्रवाई  के आदेश दिए थे. 

इसकी पालना में सुनवाई के दौरान न्यायालय में  पुनः सूचीबद्ध होने पर सरकार का पक्ष रखते हुए बताया की अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया दिनांक 7 अक्टूबर 2022 तक संपन्न हो जाएगी पश्चात न्यायालय द्वारा सभी पक्षों को सुनकर प्रकरण दिनांक10 नवंबर 2022 को सूचीबद्ध करने के आदेश प्रदान किए है.

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