फलोदी में आयोजित हुआ डॉक्टर्स एसोसिएशन का सेमिनार, इस गंभीर विषय पर हुई चर्चा
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फलोदी में आयोजित हुआ डॉक्टर्स एसोसिएशन का सेमिनार, इस गंभीर विषय पर हुई चर्चा

फलोदी में डॉक्टर्स एसोसिएशन की ओर से एक सेमिनार आयोजित किया गया. जिसमें गर्भवती महिलाओं और उनसे जुड़े रोगों पर चर्चा की गई.

फलोदी में आयोजित हुआ डॉक्टर्स एसोसिएशन का सेमिनार, इस गंभीर विषय पर हुई चर्चा

Phalodi: जोधपुर के फलोदी में डॉक्टर्स एसोसिएशन की ओर से एक सेमिनार का आयोजन किया गया. जिसमें विभिन्न रोगों की गंभीरता और आधुनिक विज्ञान के दौर में  उसके प्रति जागरूकता को लेकर चर्चा की गई. आधुनिक विज्ञान और तकनीक ने हम लोगों के जीवन में कई रोगों की गंभीरता के प्रति सचेत कराना भी शुरू कर दिया है. 

इससे समय पर चिकित्सा कराने से एक ओर से रोग की गंभीरता कम करने के कोशिश किए जाना भी कुछ हद तक संभव हो पाया है तो दूसरी ओर चिकित्सक टीम की ओर से उचित निर्णय लिया जाना 
भी संभव हो पाया है. खासकर गर्भवती महिलायों में हो पाया है. अगर गर्भावस्था के प्रारम्भिक तीन माह में समय पर सोनोग्राफी करवाई जाए और भ्रूण में अगर कोई जन्मजात विकार या विकृति है तो उसके समयोचित (Timely) उपचार के साथ-साथ गर्भवती महिला और शिशु के संबंध में डॉक्टर्स की ओर से उचित निर्णय लेने की संभावना रहती है. यह विचार जोधपुर के प्रख्यात महिला रोग और प्रसूति विशेषज्ञ डॉ. धारासिंह ने सेमिनार के दौरान रखे.

गौरतलब है कि डॉ. धारा सिंह मीणा ने फीटल मेडिसन ( गर्भस्थ शिशु विज्ञान ) में फैलोशिप प्राप्त की है और उनकी ओर से जोधपुर में संचालित सरोजधारा हॉस्पिटल में कई गर्भवती महिलाओं का परीक्षण और जन्मजात विकलांगता के संबंध में नेतृत्व किया गया है. एसोसिएशन की ओर इस मौके पर डॉ. बी. आर. पालीवाल की अध्यक्षता में पैनल डिस्कशन में महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. सरोज पालीवाल, वरिष्ठ रेडियोलोजिस्ट डॉ. आर. के. सोनी, डॉ. जगदीश प्रसाद, डॉ. अनिल पालीवाल ने सोनोग्राफी में गर्भस्थ शिशु की विभिन्न अवस्थाओं और रोग पहचानने की तकनीक पर विचार व्यक्त किए.

सभी चिकित्सकों का यह मानना था कि गर्भावस्था के प्रारम्भिक तीन माह में सोनोग्राफी गर्भवती महिला और भ्रूण के लिए उचित रहती है. इस अवसर पर महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. हजारीमल सोनी, डॉ. कैलाश जोशी, डॉ. विजय चव्हाणा, डॉ. पृथ्वीराज पालीवाल ने भी विचार रखे. 7 सचिव डॉ. सतीश पुरोहित ने कहा कि ऐसी सेमिनार का आयोजन चिकित्सकों, रोगियों के लिए लाभदायक होती है और ज्ञान की वृद्धि होती है. 

फलोदी, लोहावट और ग्रामीण क्षेत्रों के चिकित्सकों ने संगोष्ठी में भाग लिया. डॉ. अरूण माथुर ने सेमिनार का संचालन किया और डॉ. सी. एस. सोनी ने आभार माना. सेमिनार में डॉ. रमेश खत्री, डॉ. अश्विनी सोनी, डॉ. पारस सुथार, डॉ. अशोक पंवार, डॉ. रमेश चौधरी, डॉ. सुनील विश्नोई, डॉ. नवल जोशी, डॉ. धर्मेन्द्र कुमार पूनिया, डॉ. प्रेम प्रकाश, डॉ. जितेन्द्र मीणा, डॉ. मनोज चौधरी, डॉ. कमल विश्नोई, डॉ. देवेन्द्र चौधरी ने अपने क्षेत्र में रोगियों की स्थिति के विषय में जानकारी दी और उनकी चिकित्सा के सम्बंध में विचार विमर्श किया.

भ्रूण चिकित्सा विज्ञान में उच्च स्तरीय शिक्षा प्राप्त कर कई रोगियों की समयोचित (timely) चिकित्सा कर ग्रामीण क्षेत्रों तक इस विज्ञान विद्या को पहुँचाने के लिये डॉ. धारासिंह को अभिनन्दन पत्र भी एसोसिएशन की ओर से भेंट किया गया. गौरतलब है कि फलोदी डॉक्टर्स एसोसिएशन में फलोदी, लोहावट, बाप, आऊ क्षेत्र से 51 सदस्य है जो समय-समय पर चिकित्सा विज्ञान के सम्बंध में नियमित सेमिनार आयोजित कर जनहित विषयों पर चर्चा करते हैं. इतना ही नहीं बल्कि जोधपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में ये एसोसिएशन लगातार काम भी कर रही है. 

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