भोपालगढ़: खेड़ापा पीठाचार्य का चातुर्मास से लौटने पर गाजे-बाजे से हुआ स्वागत, निकाली शोभायात्रा
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भोपालगढ़: खेड़ापा पीठाचार्य का चातुर्मास से लौटने पर गाजे-बाजे से हुआ स्वागत, निकाली शोभायात्रा

अंतरराष्ट्रीय वरिष्ठ रामस्नेही संप्रदाय की प्रमुख पीठ रामस्नेही रामधाम खेड़ापा के पीठाधीश्वर महंत आचार्य पुरुषोत्तमदास शास्त्री और उनके उत्तराधिकारी संत गोविंदराम शास्त्री पीपाड़ में आयोजित वार्षिक चातुर्मास कार्यक्रम पूर्ण कर पूरे दो माह बाद वापिस रामधाम खेड़ापा पहुंचे. 

भोपालगढ़: खेड़ापा पीठाचार्य का चातुर्मास से लौटने पर गाजे-बाजे से हुआ स्वागत, निकाली शोभायात्रा

Bhopalgarh: अंतरराष्ट्रीय वरिष्ठ रामस्नेही संप्रदाय की प्रमुख पीठ रामस्नेही रामधाम खेड़ापा के पीठाधीश्वर महंत आचार्य पुरुषोत्तमदास शास्त्री और उनके उत्तराधिकारी संत गोविंदराम शास्त्री पीपाड़ में आयोजित वार्षिक चातुर्मास कार्यक्रम पूर्ण कर पूरे दो माह बाद वापिस रामधाम खेड़ापा पहुंचे. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में पहुंचे ग्रामीण श्रद्धालुओं और साधकों ने गाजे-बाजे के साथ शोभायात्रा के साथ महिलाओं ने सिर पर मंगल कलश धारण कर हरीकीर्तन और स्वागत के गीत गाते हुए अभिवादन किया. इस मौके पर समूचा वातावरण रामधाम के आद्याचार्यों के जयकारों से गूंजायमान हो गया और लोगों ने फूल बरसाकर आचार्यश्री का स्वागत किया. 

रामधाम के युवा संत ध्यानदास रामस्नेही ने बताया कि हिंदू सनातन परंपरा के मुताबिक, देवशयनी एकादशी के दिन से साधु-संत चातुर्मास कार्यक्रम करते हैं और इसी श्रृंखला में रामस्नेही संप्रदाय खेड़ापा आचार्यपीठ के अनंतश्री विभूषित पीठाधीश्वर महंत आचार्य पुरुषोत्तमदास शास्त्री ने भी अपने उत्तराधिकारी संत गोविंदराम शास्त्री समेत अपनी संपूर्ण संतमंडली के साथ इस बार पीपाड़ शहर में द्वैमासिक चातुर्मास किया था. 

चातुर्मास के दौरान उन्होंने पूरे दो माह तक नियमित रुप से पीपाड़ में ही रहते हुए सत्संग, प्रवचन, श्रीमद् भागवत कथा, नैनीबाई के मायरे एवं वाणीजी की कथा समेत अनेक धार्मिक आयोजन भी किए, इसके अलावा चातुर्मास कार्यक्रम के दौरान ही गुरुपूर्णिमा महोत्सव, गुरुवाणी सत्संग, कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव, करुणासागर पाठ और रामायण का नवाह्न परायण पाठ भी किया गया. उन्होंने बताया कि खेड़ापा पीठाचार्य शास्त्री का चातुर्मास मंगलवार को देवझूलनी एकादशी के शुभ अवसर पर पूर्ण हुआ और अब वे अपनी संतमंडली के साथ रामधाम खेड़ापा पहुंचे. 

इस दौरान उन्हें रामधाम तक विदा करने के लिए पीपाड़ शहर से दर्जनों श्रद्धालु नर-नारी भी रामधाम खेड़ापा तक साथ आए. इस दौरान राममोहल्ला रामद्वारा महंत हनुमानदास, संत आनंदराम बागरचौक, संत जगरामदास विशनगर, संत काशीराम बुड़ीवाड़ा, संत रामप्रकाश साथीन, संत मोहनदास, संत दीपाराम, संत रामविलास और संत भक्तिराम भी मौजूद रहे. 

गाजे-बाजे से किया स्वागत
संत केशवदास ने बताया कि चातुर्मास कार्यक्रम की पूर्णाहुति के बाद रामधाम खेड़ापा पीठाचार्य शास्त्री व उनके उत्तराधिकारी संत गोविंदराम का यहां पहुंचने पर रामधाम परिसर के निज मंदिर में महापूजन और आरती कर गाजे-बाजे के साथ अगवानी की गई. इस दौरान कस्बे में प्रवेश करने के साथ ही उनका बस स्टैंड पर खेड़ापा सरपंच जिठाराम माचरा, थाना प्रभारी सब इंस्पेक्टर नेमाराम ईनाणिया, समाजसेवी हीराराम कुरडिय़ा, गिरधारीराम सोलंकी, रामपाल खोजा, शिक्षक प्रेमाराम गोदारा भोपालगढ़, भूराराम सियाग, सोनाराम कुरडिय़ा, सोमाराम बूडिय़ा, शिव धतरवाल, श्यामसिंह राजपुरोहित और ओमप्रकाश सैन समेत आसपास के ग्रामीण इलाकों से आए सैकड़ों श्रद्धालुओं ने गाजे-बाजे के साथ शोभायात्रा निकाली. साथ ही तिलक लगाकर और पगड़ी पहनाकर उनकी अगवानी की. 

इसके बाद उन्हें शोभायात्रा के साथ रामधाम परिसर तक पहुंचाया गया और रास्ते में जगह-जगह पर श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा के साथ स्वागत करते हुए आद्याचार्यों के गगनभेदी जयकारे लगाकर रामधाम परिसर को गूंजायमान कर दिया. रामधाम में पहुंचने से पहले पीठाचार्य का साथीन, रतकुडिय़ा, भोपालगढ़, हीरादेसर, रुदिया व मैलाणा समेत कई गांवों में भी स्थानीय श्रद्धालुओं की ओर से भव्य स्वागत और गुरुपूजन किया. बाद में रामधाम परिसर में पीठाचार्य ने प्रवचन भी किए. इस मौके पर जिले भर से आए सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण श्रद्धालु नर-नारी मौजूद रहे. 

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