भोपालगढ़: बनाड़ का अमृत सरोवर बना सेल्फी पॉइंट, चारों तरफ छाई हरियाली
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भोपालगढ़: बनाड़ का अमृत सरोवर बना सेल्फी पॉइंट, चारों तरफ छाई हरियाली

सदियों से पानी की एक-एक बूंद की कद्र करने वाले पश्चिमी राजस्थान में महानरेगा की बदौलत बड़ी संख्या में आबाद होकर उपयोगिता सिद्ध कर रहे जलाशय आज न केवल पानी की जरूरतों को पूरा करने में समर्थ हैं.

भोपालगढ़: बनाड़ का अमृत सरोवर बना सेल्फी पॉइंट, चारों तरफ छाई हरियाली

Bhopalgarh: सरकार की विभिन्न योजनाओं की बदौलत लोक जीवन में हरियाली के सपना आकार पाने लगे हैं. इनसे एक ओर जहां आम जन को सहूलियतों के साथ सुखपूर्वक जीवनयापन करने और खुशहाली की दिशा में आगे बढ़ने के अवसर प्राप्त हो रहे हैं. वहीं, बहुआयामी विकास के सुकूनदाई परिदृश्य सामने आने लगे हैं. 

इस दिशा में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी में हुए सामुदायिक विकास कार्य ग्राम्यांचलों की तस्वीर बदलने में बेहद सफल सिद्ध हो रहे हैं. गांवों के उत्थान एवं ग्राम्य जनता के सर्वांगीण कल्याण के लिए जरूरी बुनियाद को मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा अनथक प्रयासों के अंतर्गत गांवों के परंपरागत जलाशयों के जीर्णोद्धार, क्षमता विस्तार और सौंदर्यीकरण के कार्य उल्लेखनीय हैं. 

सदियों से पानी की एक-एक बूंद की कद्र करने वाले पश्चिमी राजस्थान में महानरेगा की बदौलत बड़ी संख्या में आबाद होकर उपयोगिता सिद्ध कर रहे जलाशय आज न केवल पानी की जरूरतों को पूरा करने में समर्थ हैं. बल्कि इनसे हरियाली और ग्राम्य सौंदर्य को भी संबल मिला है. कई जलाशय ग्रामीणों के लिए आधुनिक विकास के साथ-साथ पर्यटन की दृष्टि से भी खास भूमिका निभाने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं. 

इस मामले में जोधपुर जिला भी पीछे नहीं है, जहां महानरेगा के अंतर्गत गांवों में बड़ी संख्या में परंपरागत जलाशयों की तस्वीर बदली है. इन्हीं में एक है, जोधपुर पंचायत समिति अंतर्गत बनाड़ ग्राम पंचायत मुख्यालय पर अवस्थित गांवाई तालाब, जो न केवल भरपूर जलराशि का मनोहारी दिग्दर्शन करा रहा है, बल्कि सुंदरता के लिहाज से भी बेहतर जलाशय के रूप में विकसित किया गया है. 

जोधपुर जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर स्थित बनाड़ गांव में लगभग 7 एकड़ भूमि में पसरे हुए इस गांवाई तालाब की पाल कमजोर होने की वजह से पानी का ठहराव कम था. इस स्थिति को दूर करने के लिए महानरेगा में इस काम को हाथ में लिया गया. 

महानरेगा के अंतर्गत ग्राम पंचायत द्वारा 4.81 लाख की धनराशि से गांवाई तालाब की पाल के नवीनीकरण के इस कार्य पर कुल 1859 मानव दिवस सृजित हुए. इस जलाशय को अमृत सरोवर अभियान के अंतर्गत अमृत सरोवर के रूप में विकसित किया गया. जून 2022 में इसका काम शुरू किया गया, जिसे मात्र दो महीने में पूर्ण कर लिया गया. 
पाल के नवीनीकरण के बाद इसकी जलभराव की क्षमता बढ़ी. प्रकृति भी इस बार मेहरबान रही और इस वजह से तालाब में बरसाती पानी का ठहराव अधिक होने से यह लबालब भरा हुआ है. 

दूर से ही भरपूर जलराशि का सौंदर्य दर्शाता यह तालाब अमृत सरोवर के रूप में आज रमणीय ग्राम्य जल तीर्थ के रूप में पहचान कायम कर चुका है. ग्रामीणों के लिए पानी की भरपूर उपलब्धता के साथ ही यह तालाब पशु-पक्षियों के लिए भी उपयोगी साबित हो रहा है. 

अपने निखार के बाद यह तालाब क्षेत्रवासियों के लिए भ्रमण और पिकनिक स्पॉट के रूप में भी सुकून देने लगा है. तालाब के किनारे बालाजी मंदिर, हनुमान वाटिका, आकर्षक सीढ़ीदार घाट के साथ ही वृक्षारोपण और सेल्फी पॉइंट आदि सब कुछ मिलकर सुकूनदाई स्थल के रूप में यह ग्राम्य पर्यटन केंद्र के रूप में अपनी पहचान कायम करने लगा है. 

आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत पिछले दिनों इस तालाब की पाल पर झंडारोहण कार्यक्रम हुआ, जिसमें पूर्व सैनिक बन्नाराम देदड़ ने ग्रामीणों की मौजूदगी में तिरंगा फहराया. इस दौरान देशभक्ति गीतों ने उत्साह को द्विगुणित करने में कोई कमी नहीं रखी. 

जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अभिषेक सुराणा बताते हैं कि जोधपुर जिले में महानरेगा के अंतर्गत इसी प्रकार के कई जलाशयों को अमृत सरोवर के रूप में विकसित किया गया है, जो ग्राम्य जरूरतों को पूरा करने के साथ ही ग्राम्य विकास के आधुनिक सरोकारों का दिग्दर्शन करा रहे हैं. 

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