Amit Shah Rajasthan Visit: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का जोधपुर प्रवास, गहलोत के गढ़ में कांग्रेस को मात देने के लिए फूकेंगे मंत्र
Advertisement

Amit Shah Rajasthan Visit: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का जोधपुर प्रवास, गहलोत के गढ़ में कांग्रेस को मात देने के लिए फूकेंगे मंत्र

Jaipur/Delhi: भारतीय जनता पार्टी राजस्थान विधानसभा चुनाव जीतने के लिए अभी से पूरी तैयारी में जुट गई है. पार्टी का पहला फोकस ओबीसी वोट बैंक पर है इसलिए मूल OBC के अलावा अन्य OBC जातियों को पार्टी से जोड़ने के लिए कवायद शुरू कर दी है.

अमित शाह का जोधपुर प्रवास.

Jaipur/Delhi: भारतीय जनता पार्टी राजस्थान विधानसभा चुनाव जीतने के लिए अभी से पूरी तैयारी में जुट गई है. पार्टी का पहला फोकस ओबीसी वोट बैंक पर है इसलिए मूल OBC के अलावा अन्य OBC जातियों को पार्टी से जोड़ने के लिए कवायद शुरू कर दी है. पार्टी का मानना है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने गढ़ में मजबूत है खासकर ओबीसी वर्ग पर उनकी मजबूत पकड़ है.

8 से 10 सितम्बर तक भाजपा ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक 
ऐसे में उनके ही भाजपा सेंध लगाने की योजना बना रही है. जानकारों का मानना है कि यदि भाजपा यहां पूरे ओबीसी वोट में सेंधमारी करने में सफल हो जाती है तो 2023 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को चुनौती देना आसान हो जाएगा. इसलिए पार्टी ने जोधपुर संभाग में एक 8 से 10 सितम्बर तक भाजपा ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक आयोजित की है. इसी कार्यसमिति को केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह संबोधित करने जोधपुर का दौरा कर रहे हैं. अमित शाह को सोशल इंजीनियरिंग में माहिर माना जाता है.

सूत्रों के मुताबिक भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह राजस्थान बीजेपी ओबीसी मोर्चा के प्रदेश पदाधिकारियों के अलावा जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, पाली, जालोर, सिरोही से भाजपा सांसद, विधायक, मोर्चा पदाधिकारी और बूथ अध्यक्ष के साथ मिलकर गहन मंत्रणा करके उस ओबीसी वर्ग के लिए बात करेंगे जिसकी भागीदारी अभी तक सत्ता में क्यों नहीं रही या बीजेपी से नहीं जुड़ पाए. बताया जा रहा है कि राजस्थान के राजनीति में सिर्फ चार ओबीसी जाति का सत्ता में दबदबा रहा है. बांकी के करीब 40 जातियां अभी भी प्रदेश के राजनीति में हाशिए पर है. जिसे जोड़ने का काम किया जा सकता है.

राजस्थान में 50 से ज्यादा सीटों पर ओबीसी सीटों पर फोकस
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि ओबीसी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक जोधपुर में करने की सबसे बड़ी वजह है कि राजस्थान में 50 से ज्यादा सीटों पर ओबीसी विधायक चुनकर आते हैं. वहीं, सिर्फ जोधपुर संभाग में 15 ओबीसी विधायक हैं. जिनमें 11 कांग्रेस और 4 भाजपा के हैं. ऐसे में इस बड़े वोट बैंक को साधने में बीजेपी जुट गई है. उनका कहना है कि ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और संसदीय बोर्ड सदस्य के.लक्ष्मण की अध्यक्षता में मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति करवाने का मुख्य उद्देश्य यही है. इतना ही नहीं देश भर OBC वोट बैंक को अपने साथ रखने और शेष बचे वर्ग को भी जोड़ने के लिए सभी राज्यों से बीजेपी ओबीसी मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष राष्ट्रीय कार्यसमिति में शामिल हो रहे हैं. कार्यसमिति के बाद सभी को जोधपुर के 47 मंडलों पर 1-1 घंटे के लिए दौरा करने भेजा जाएगा.

20 हजार बूथ अध्यक्ष और बूथ कमेटियों के पदाधिकारियों को संबोधित करेंगे शाह
10 सितम्बर को ही जोधपुर संभाग के जिलों के 20 हजार बूथ अध्यक्ष और बूथ कमेटियों के पदाधिकारियों का सम्मेलन होगा. जिसे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह संबोधित करेंगे। चर्चा है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी ओबीसी मोर्चा और बूथ सम्मेलन सम्मेलन को संबोधित कर सकते हैं.

इस मंच से एकजुटता का मैसेज देने का होगा प्रयास
अमित शाह के इन दोनों कार्यक्रमों में प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, समेत कई सीनियर नेता मौजूद रहेंगे. इनके अलावा राजस्थान से केंद्र में तीनों मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, अर्जुनराम मेघवाल, कैलाश चौधरी भी मौजूद रहेंगे. उद्घाटन सत्र में केंद्रीय मंत्री और केंद्रीय चुनाव समिति सदस्य भूपेंद्र यादव, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, सांसद देवजी पटेल, पीपी चौधरी मौजूद रहेंगे.

ये भी पढ़ें- CM Ashok Gehlot के शहरी रोजगार गारंटी में निखरेगी खानियां की बावड़ी, जीर्णोद्धार कार्य का शुभारंभ

इतने दिग्गज नेताओं की एक मंच पर मौजूदगी से पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुटता का मैसेज देने का एक प्रयास हो सकता है. क्योंकि राजस्थान में कांग्रेस कई धड़ों में बंटी हुई है. कांग्रेस भी यही आरोप लगाकर कर हमलावर है कि बीजेपी में दर्जन भर नेता मुख्यमंत्री बनने की होड़ में लगे हुए हैं.

ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि अमित शाह प्रदेश में लीडरशिप का. क्लीयर कट मैसेज देते हैं या आगे भी यह सस्पेंस बना रहता है !

Trending news