झुंझुनूं जिले को गौरव सैनानी जिला कहा जाता है क्योंकि यहां से देश में सर्वाधिक सैनिक है और देश को सर्वाधिक शहीद भी इसी जिले ने दिए हैं.
Trending Photos
Jhunjhunu: केंद्र सरकार ने सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ की योजना लागू की है. अब झुंझुनूं जिले के युवाओं को इस अग्निपथ से गुजरना पड़ेगा. कोरोना के चलते पिछले 2 साल से भर्तियां नहीं हुई थी. ऐसे में इस अग्निपथ से बहुत से युवा ओवर एज की केटेगरी में आ गए हैं. कुछ युवाओं ने इस योजना की सराहना की हैं तो कईयों ने इसे युवाओं के लिए बेरोजगारी बढ़ाने वाला कदम बताया है तो पूर्व सैनिकों ने इसे देशहित में बताया है. वहीं झुंझुनूं सांसद नरेंद्र कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के युवाओं और देशहित में यह फैसला लिया है.
यह भी पढे़ं- Jhunjhunu News: केंद्र सरकार के 8 साल पूरे होने पर भाजपा नेताओं ने किया लाभार्थियों का सम्मान
झुंझुनूं जिले को गौरव सैनानी जिला कहा जाता है क्योंकि यहां से देश में सर्वाधिक सैनिक है और देश को सर्वाधिक शहीद भी इसी जिले ने दिए हैं. सेना में भर्ती होना यहां एक जज्बा माना जाता है. सेना भर्ती रेलियों में हजारों युवा उमड़ते हैं. यहां के युवा सेना में भर्ती होने के लिए हर गांव में तैयारी करते हुए दिख जाएंगे. सेना में भर्ती की तैयारी करने वाले युवाओं ने इस अग्निपथ योजना के प्रति मिलीजुली प्रतिक्रिया दी है. कइयों ने सराहना की हैं तो कइयों ने इस बेरोजगारों की फौज खड़ी करने वाला करार दिया है, तो कुछ का कहना है कि इसमें कुछ सुधार हो ताकि भविष्य को लेकर चिंता मन में न हो. युवाओं का कहना हैं कि सेना में भर्ती होने के लिए चांस भी अधिक मिलेगा और अधिक अवसर मिलने पर वह चार साल नौकरी करने के बाद जिसका रिकॉर्ड अच्छा रहेगा. वह आगे सेना में रह जाएगा. इसके अलावा वापस आकर भी वह अपना कॅरिअर अन्य नौकरियों में भी तलाश सकता है. इसके अलावा वह व्यवसाय भी कर सकेगा.
पूर्व सैनिकों ने इस योजना की सराहना करते हुए इसे देशहित में बताया रिटायर्ड पूर्व सैनिक राजपाल फोगाट ने बताया कि अग्निपथ योजना का निर्णय देश हित में युवाओं के लिए लिया गया फैसला हैं और यह स्वागत योग्य है. युवाओं को यह नजदीक से जानने का मौका मिलेगा कि देश की सेना किस तरह से देश के लिए लड़ती हैं. कैसे एक सैनिक देशहित को सर्वोपरी मानकर जीता है. सेना में रहकर युवा देशभक्ति का पाठ पढ़ेगा और सेना में रहने लायक होगा, तो 4 साल बाद वह कंटीन्यू करेगा. अगर कोई सेना में रहने लायक नहीं होगा, तो वापस आकर अपना भविष्य भी बना सकेगा और इसमें देश की सेना में युवाओं की भागीदारी बढ़ेगी. वहीं रिटायर्ड सैनिक राजपाल फोगाट ने बताया कि कोरोना के चलते पिछले 2 साल से भर्तियां रुकी हुई थी. बच्चों को नई ऊर्जा मिलेगी. इस योजना से बच्चों की सोच का दायरा भी विकसित होगा. जब बच्चे प्रतिस्पर्धा के बीच में जाएंगे, तो उनका मनोबल बढ़ेगा यह प्रतिस्पर्धा उनके जीवन में बहुत काम आएगी.
वहीं कई युवाओं का कहना है कि चार साल वे सेना में रहेंगे. इसके बाद 25 प्रतिशत ही सेना में रह सकेंगे. इसके बाद वे आपस आकर बेरोजगारों की संख्या बढ़ेगी. आज सेना में भर्ती तैयारी में भी पैसा खर्च हो जाता है. फिर इतना ही पैसा चार साल में मिलेगा और चार साल बाद वापस आएगा, तो वह फिर से बेरोजगार हो जाएगा. उसे फिर से अपने कैरियर बनाने के लिए प्रयास करना पड़ेगा. ऐसे में सेना में भर्ती होने का क्रेज कम होगा. वहीं पिछले 2 साल से सेना की तैयारी कर रहे हैं। युवा भर्तियां नहीं होने के कारण ओवर एज हो गए हैं. उनका मानना है कि सरकार अगर अग्निपथ में उन्हें उम्र की छूट दे तो भी आगे अपनी तैयारी शुरू करें. साथ ही युवाओं का कहना है कि 4 साल की नौकरी के बाद जब वह आए तो उन्हें अन्य नौकरियों में भी 50 प्रतिशत पदों पर उनकी भर्तियां हो ताकि उनके सामने भविष्य की चिंता ना रहे.
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केंद्र सरकार की सेना भर्ती के लिए अग्निपथ योजना की झुंझुनूं सांसद नरेंद्र कुमार ने जमकर तारीफ करते हुए कहा कि इससे युवाओं में देश भक्ति के भाव पैदा होंगे और चार साल बाद जो सेना में भर्ती रहने लायक नहीं होगा. वह वापस आकर भी अनुशासन का पाठ सीखकर आएगा और एक अच्छा नागरिक बनकर देश हित में सोचेगा और उसके पास वापस आकर सिविल में आकर अपने बेहतर सेवाए देकर देश को मजबूत करेगा.
झुंझुनूं जिले में हर गांव ढाणी में युवा सेना की तैयारी करते हुए मिल जाएंगे, यहां के युवाओं में सेना में जाने का जुनून देखते ही बनता है पर अग्निपथ के बाद कहीं ना कहीं युवाओं के मन में शंका है. कोरोना के चलते पिछले 2 साल से भर्तियां नहीं हुई है और अगर सरकार अग्निपथ योजना में उम्र में छूट देती है तो शेखावाटी के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे.
Reporter: Sandeep Kedia