पचेरी कलां का काकड़ा बना राजस्थान का पहला मॉडल GSS, बिजली चोरी और छीजत हुई कम
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पचेरी कलां का काकड़ा बना राजस्थान का पहला मॉडल GSS, बिजली चोरी और छीजत हुई कम

पोल पर लगी केबलों और ढीले तारों को बदले जाने से साल में होने वाले तीन चार हादसों पर पूरी तरीके से अंकुश लगा है. गर्मियों के समय होने वाली वोल्टेज की समस्या से भी छुटकारा मिल गया है. चोरी पर पूरी तरीके से अंकुश लगा है. बिजली छीजत घटी है और राजस्व में वृद्धि हुई है. 

पचेरी कलां का काकड़ा बना राजस्थान का पहला मॉडल GSS, बिजली चोरी और छीजत हुई कम

Surajgarh: झुंझुनूं जिले के बुहाना इलाके का काकड़ा पावर हाउस प्रदेश का पहला और एकमात्र ऐसा मॉडल पावर हाउस बन गया, जहां अब न बिजली की चोरी होती है और न ही किसी उपभोक्ता का कोई बिल बकाया है. पावर हाउस से जुड़े पांचों फीडर के सभी गांव ट्रिपिंग मुक्त भी हो गए हैं. यहां शटडाउन और एलडी कट के अलावा बिजली गुल नहीं होती. 

यह सब संभव हो सका है बुहाना एईएन और उनके 25 कर्मचारियों की टीम के कारण, जिन्होंने दिन रात एक कर काकड़ा विद्युत उपचौकी (पावर हाउस) को गोद लेकर तीन महीने में यह उपलब्धि हासिल की. डिस्कॉम एमडी एनएस निर्वाण की पहल पर बुहाना एईएन सुभाष मीणा ने तीन महीने पहले इस जीएसएस को गोद लिया था. शुरुआत में उनके सामने कई सारे चैलेंज थे. 

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जिला मुख्यालय से करीब 110 किमी दूर हरियाणा से सटे इस गांव में सर्वाधिक बिजली चोरी होती थी. 2019 के आंकड़ों के मुताबिक यहां 74 फीसदी छीजत थी. पहली मुश्किल चोरी रोकना ही थी. दूसरी बकाया राजस्व वसूली भी चैलेंज था. इसके बावजूद वे और उनकी टीम जुट गई. गांव-गांव जाकर ग्रामीणों के साथ बैठकें की. उन्हें समझाया. सरकार की 100 यूनिट फ्री वाली स्कीम बताई. ट्रिपिंग मुक्त बिजली देने का भरोसा दिलाया. तब लोग इस बदलाव के लिए सहर्ष राजी हो गए.

हादसों पर अंकुश लगा
पोल पर लगी केबलों और ढीले तारों को बदले जाने से साल में होने वाले तीन चार हादसों पर पूरी तरीके से अंकुश लगा है. गर्मियों के समय होने वाली वोल्टेज की समस्या से भी छुटकारा मिल गया है. चोरी पर पूरी तरीके से अंकुश लगा है. बिजली छीजत घटी है और राजस्व में वृद्धि हुई है. 

2130 कनेक्शनों के मीटर घर से 100 मीटर दूर सीलबंद बॉक्स में लगाए
बिजली चोरी रोकने के लिए सबसे पहला काम एबी केबल की जगह आर्म्ड कबल लगाने और घरेलू मीटर घर से 100 मीटर दूर पोल पर सीलबंद बॉक्स में लगाने का किया. पांचों फीडरों से जुड़े ढाणी भालोठ, चूड़ीना, काकड़ा सिटी, काकड़ा ग्रामीण और सोहली में आर्म्ड केबल लगाई. करीब 500 ऐसे सीलबंद बॉक्स लगाए, जिनमें प्रत्येक में चार से छह तक मीटर लगे. 405 बॉक्स में चार चार मीटर के हिसाब से 1620 कनेक्शनों के मीटर लगाए और 85 बॉक्स में छह-छह मीटर के हिसाब से 510 मीटर लगाए और बॉक्स को सील कर दिया गया. आर्म्ड केबल को जोइंट रहित रखा. नतीजा बिजली छीजत में कमी आ गई.

शटडाउन और एलडी कट को छोड़ ट्रिपिंग मुक्त हुए पांच गांव
डिस्कॉम की इस पूरी कवायद का सुखद पहलू यह रहा कि काकड़ा जीएसएस से जुड़े ढाणी भालोठ, चूड़ीना, काकड़ा सिटी, काकड़ा ग्रामीण व सोहली फीडर के सभी गांव ट्रिपिंग मुक्त हो गए. यहां अब शटडाउन और एलटी कट के अलावा बिजली नहीं जाती. ग्रामीण कहते हैं कि बिजली सप्लाई में पहले से बहुत सुधार हुआ है. पहले तो जब चाहे बिजली गुल हो जाती थी लेकिन अब कभी कभार ही जाती है. ग्रामीणों को दूसरा फायदा यह हुआ कि अब फाल्ट बहुत कम हो गए. क्योंकि गांवों में झूलते तारों के नीचे नए पोल लगा दिए. पुरानी लाइनों को बदल दिया गया. फिर भी फाल्ट आता है तो डिस्कॉम टीम उसे तत्काल सुधार देती है. जबकि पहले कई दिन लगते थे.

तीन महीने में तीन कैंप लगाकर 237 नए कनेक्शन जोड़े
काकड़ा जीएसएस एरिया में पिछले तीन माह में बुहाना डिस्कॉम की ओर से काकड़ा, ढाणी भालोठ व सोहली में तीन कैंप लगाकर लोगों के वीसीआर प्रकरणों का निस्तारण किया. इस दौरान 237 नए कनेक्शन जारी किए गए. 55 ऐसे कनेक्शनों को पुनरू जोड़ा गया, जो बिल नहीं चुकाने पर पूर्व में काट दिए गए थे. वीसीआर सैटलमेंट स्कीम का फायदा देकर इनके प्रकरणों का निपटारा कर उन्हें पुनरू कनेक्शन जारी किए गए. इस दौरान डिस्कॉम को करीब 20 लाख रुपए का राजस्व भी हासिल हुआ. यानी बिजली चोरी रुक गई और बकाया राजस्व की वसूली भी होने लगी है.

एक साल में बिजली उपभोग में एक लाख यूनिट की बढ़ोतरी
डिस्कॉम के इस बदलाव का असर विद्युत उपभोग पर भी देखने को मिला. एईएन मीणा बताते हैं कि पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 के जुलाई माह की तुलना में इस वर्ष जुलाई माह में करीब एक लाख यूनिट अधिक उपभोग की गई हैं. यानी पहले विद्युत छीजत 55 फीसदी से ऊपर चल रही थी जो अब सिंगल डिजिट में आ जाएगी.

मई में शुरुआत की, 23 जुलाई को काम कंपलीट: एईएन
एईएन सुभाष मीणा बताते हैं कि मार्च में एमडी सर ने बैठक ली थी. तब मैंने उनके सामने काकड़ा सिटी फीडर पर किए गए कार्यों का प्रजेंटेशन दिया था. इस फीडर को हमारी टीम ने चोरी मुक्त बनाया था. बिजली छीजत को 74 फीसदी से 6.48 पर लेकर आए थे. वे इससे खुश हुए, लेकिन बोले-एक फीडर तो कोई भी कर सकता है. आप पूरा जीएसएस (पांच फीडर) चोरी मुक्त करके दिखाओ. बस उसी दिन पूरे फीडर को मॉडल फीडर बनाने का संकल्प ले लिया था. मेरी टीम ने इस असंभव काम को महज 3 महीने में पूरा कर दिखाया. आज काकड़ा जीएसएस पूरे प्रदेश का मॉडल जीएसएस बन गया है.

बुहाना एईएन और उनकी टीम ने कर दिखाया: एमडी
अजमेर डिस्कॉम के एमडी एनएस निर्वाण कहते हैं काकड़ा जीएसएस प्रदेश का पहला चोरी मुक्त जीएसएस बन गया है. यह सब बुहाना एईएन और उनकी टीम ने महज तीन महीने में कर दिखाया है. इससे दूसरे अधिकारियों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए. वैसे इसे मॉडल के रूप में पूरे डिस्कॉम में लागू करेंगे. अन्य अधिकारियों को बताएंगे कैसे बिजली चोरी रोकी जा सकती है और कैसे बकाया राजस्व हासिल कर सकते हैं. बुहाना डिस्कॉम की टीम का कार्य सराहनीय है. क्योंकि मार्च में ही उन्हें यह टारगेट दिया गया था, जिसे उन्होंने पूरा कर दिखाया.

Reporter- Sandeep Kedia

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