झुंझुनूं के चिड़ावा की निकिता चौधरी की पीड़ा का जब युवा भामाशाह और पिलानी के बिरला अस्पताल के निदेशक डॉ. मधुसूदन मालानी को पता चला तो उन्होंने न केवल उसकी आर्थिक मदद की है, बल्कि उसका हौंसला भी बढ़ाया है.
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Jhunjhunu: यह कहानी झुंझुनूं के चिड़ावा की एक ऐसी खेल प्रतिभा की है, जो मार्शल आर्ट की वर्ल्ड चैंपियनशिप में देश के लिए गोल्ड लाने का ख्वाब देख रही है लेकिन वहां तक पहुंचने के लिए आर्थिक तंगी आड़े आ रही थी. वह चाहकर भी अपना ख्वाब पूरा नहीं कर पा रही थी. इसके लिए कई जगह हाथ फैलाए, क्योंकि चैंपियनशिप यूएई (UAE) की राजधानी आबूधाबी में होनी है और वहां तक पहुंचने के लिए उसे कम से कम दो लाख रुपए की जरूरत है.
झुंझुनूं के चिड़ावा की है निकिता
यह बेटी है झुंझुनूं के चिड़ावा की निकिता चौधरी. उसकी इस पीड़ा का जब युवा भामाशाह और पिलानी के बिरला अस्पताल के निदेशक डॉ. मधुसूदन मालानी को पता चला तो उन्होंने न केवल उसकी आर्थिक मदद की है, बल्कि उसका हौंसला भी बढ़ाया है.
उसे संबल देते हुए उसके सपनों की उड़ान को पंख लगा दिए हैं. चिड़ावा की बेटी निकिता चौधरी को डॉ. मालानी ने 1.91 लाख रुपए का चेक सौंपकर वर्ल्ड चौंपियनशिप में भाग लेकर देश के लिए मेडल लाने की शुभकामनाएं दी.
निकिता का सपना होगा पूरा
चिड़ावा कस्बे की रहने वाली मार्शल आर्ट प्लेयर निकिता चौधरी अब डॉ. मधुसूदन मालानी के सहयोग से अक्टूबर में आबूधाबी में आयोजित होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप में भाग ले सकेगी। निकिता चौधरी को डॉ. मालानी ने 1.91 लाख रुपए का चेक सौंप दिया है. इस राशि से निकिता न केवल आबूधाबी तक पहुंच सकेगी, बल्कि चैंपियनशिप में रजिस्ट्रेशन सहित तमाम खर्चे वहन कर सकेगी. डॉ. मालानी ने खेल में निकिता चौधरी की बेहतरीन उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें मदद देने का आश्वासन दिया था क्योंकि कोई भी प्रतिभा आर्थिक तंगी की वजह से अपना हुनर दिखाने से वंचित नहीं रहनी चाहिए.
कोई भी प्रतिभा आर्थिक तंगी की वजह से वंचित नहीं हो
बेटी को 1.91 लाख रुपए का चेक सौंपने के बाद भामाशाह डॉ. मधुसूदन मालानी ने कहा कि कोई भी प्रतिभा आर्थिक तंगी की वजह से अपना हुनर दिखाने से वंचित नहीं रहनी चाहिए. निकिता की खेल उपलब्धियों के बारे में जब पता चला तो उसकी मदद करने का निश्चय किया. उसे बुलाकर चैंपियनशिप में भाग लेने तक के सभी खर्चों का एस्टीमेट बनवाया और उसे 1.91 लाख रुपए का चेक सौंपा. निकिता में देश का नाम रोशन करने का जज्बा है. उसे आर्थिक संबल दिया है, ताकि वह खेले और हमारे जिले और देश का वर्ल्ड में नाम ऊंचा करे.
आर्थिक तंगी के कारण कई जगह हाथ फैलाए, हर जगह निराशा ही मिली
आबूधाबी में 25 अक्टूबर से 6 नवंबर तक आयोजित होने वाली वर्ल्ड जुजुत्सु चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए निकिता को दो लाख रुपए की जरूरत थी. उसका परिवार बेहद गरीब है. उसके पास वहां तक पहुंचने के लिए इतने रुपयों की व्यवस्था करना बूते से बाहर था. इसके लिए निकिता ने चिड़ावा और झुंझुनूं में कई जगह लोगों के सामने हाथ फैलाए, लेकिन उसे हर जगह से निराशा ही मिली. किसी ने साफ इनकार कर दिया तो किसी ने कहा कि वे व्यक्तिगत किसी की मदद नहीं कर सकते.
ऐसे में थक हारकर निकिता ने आखिरी उम्मीद के रूप में बिरला अस्पताल पिलानी के निदेशक डॉ. मधुसूदन मालानी से मदद मांगने का निश्चय किया. वह उनके पास पहुंची और मदद की गुहार लगाई. निकिता कहती हैं कि डॉ. मालानी ने तुरंत हां कर दी. सिर्फ इतना पूछा कि-हमसे क्या चाहती हो. मैंने जब उन्हें 2 लाख रुपए की जरूरत बताई तो उन्होंने तुरंत हां कर दी.
लोगों ने आशीर्वाद दिया और मालानी सर ने सपनों को पंख लगाए
निकिता और निकिता की मां कहती हैं कि उसने खेलों में खूब नाम कमाया है. जिला स्तर से लेकर नेशनल लेवल तक कई पदक जीते हैं. अब जब इंटरनेशनल में खेलने की बारी आई तो आर्थिक तंगी ने रोक दिया. फिर सोचा, जिले के लिए इतना सब कुछ किया है, तो कोई न कोई मदद जरूर करेगा. चिड़ावा में कई जगह हाथ फैलाए. हर किसी ने मना किया और सिर्फ आशीर्वाद दिया.
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निकिता कहती है कि मैं उनका आशीर्वाद लेकर आ गई लेकिन डॉ. मालानी ने मेरे सपनों को पंख लगा दिए. अब मैं अक्टूबर में आबूधाबी जाकर वर्ल्ड चैंपियनशिप में भाग ले सकूंगी और देश के लिए पदक जीतकर लाऊंगी. गौरतलब है कि मार्शल आर्ट खिलाड़ी निकिता चौधरी ने अब तक बेहतरीन खेल का प्रदर्शन करते हुए राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई स्वर्ण पदक हासिल किए हैं, लेकिन आर्थिक कठिनाइयों के चलते वह वर्ल्ड जुजुत्सु चौंपियनशिप में भाग नहीं ले पा रही थी. अब डॉ. मधुसूदन मालानी की मदद से वह भाग ले सकेगी.
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Reporter- Sandeep Kedia