राजस्थान की सियासी चर्चा में राजे का झुंझुनूं दौरा, एक साथ भाजपा के जिला अध्यक्ष, सांसद समेत ये सब रहे नदारद, आखिर क्या थी वजह?
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राजस्थान की सियासी चर्चा में राजे का झुंझुनूं दौरा, एक साथ भाजपा के जिला अध्यक्ष, सांसद समेत ये सब रहे नदारद, आखिर क्या थी वजह?

Jhunjhunu visit of former CM Vasundhara Raje: राजस्थान कि सियासत में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का झुंझुनूं दौरा चर्चा में है. राजस्थान भाजपा समेत झुंझुनूं के गली कस्बों में उनके दौरे को लेकर चर्चा है. सीकर जिला अध्यक्ष इंदिरा चौधरी और झुंझुनूं  जिला अध्यक्ष पवन मावंडिया समेत सासंद नरेंद्र कुमार समेत कई BJP पदाधिकारी नदारद रहे. आखिर क्या वजह थी. 

 

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की देव दर्शन यात्रा का शनिवार को उदयपुरवाटी में शाकंभरी मैया की पूजा की.

Former CM Vasundhara Raje Udaipurwati visit : पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की देव दर्शन यात्रा का शनिवार को झुंझुनूं के उदयपुरवाटी में शाकंभरी मैया की पूजा के साथ समापन हो गया. पंडित केदार शर्मा के सानिध्य में पंड़ितों ने पूजा अर्चना करवाई. इससे पहले झुंझुनूं सीमा से लेकर शाकंभरी तक कई जगहों पर हजारों की संख्या में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया.

पूर्व सांसद संतोष अहलावत और पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया. fallbackइसके बाद शाकंभरी मैया के दरबार में पूजा अर्चना की गई.पूजा अर्चना के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने कहा कि उन्होंने संकल्प लिया था कि दो साल कोरोना के कारण वे देवी-देवताओं के दर्शन नहीं कर पाईं. इसलिए दिवाली से पहले पहले नौ देवियों के दर्शन करने हैं. जो आज शाकंभरी मैया के दर्शन के साथ उनका संकल्प पूरा हो गया है.

स्वागत से गदगद नजर आईं पूर्व सीएम राजे
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के जयपुर से रवाना के बाद चौमू रींगस खंडेला श्रीमाधोपुर उदयपुरवाटी सहित अनेक स्थानों पर गर्मजोशी के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं ने माला पहनाकर स्वागत किया. जगह-जगह स्वागत में हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का स्वागत किया. स्वागत से वसुंधरा राजे गदगद नजर आई.

जिलाध्यक्ष रहे नदारद, झुंझुनूं सांसद भी गायब
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सीकर और झुंझुनूं में आगमन के दौरान दोनों ही जिले के जिला अध्यक्ष नदारद हैं, सीकर जिले की जिला अध्यक्ष इंदिरा चौधरी और झुंझुनूं जिले के जिला अध्यक्ष पवन मावंडिया वसुंधरा राजे के दौरे से नदारद रहे. सांसद नरेंद्र कुमार भी दिखाई नहीं दिए. भाजपा के झुंझुनूं के पूर्व जिलाध्यक्ष राजवीर सिंह जरूर कार्यक्रम में मौजूद रहे. जो वसुंधरा राजे गुट के ही बताए जाते हैं,

वहीं दोनों जिला अध्यक्षों को लेकर यह बताया जा रहा है कि लक्ष्मणगढ़ में होने वाले भाजपा के कार्यक्रम को लेकर जिलाध्यक्ष और पदाधिकारी कार्यक्रम की तैयारी में जुटे हैं. इस मौके पर सीकर सांसद सुमेधानंद सरस्वती, पूर्व विधायक झाबर सिंह खर्रा, पूर्व मंत्री बंशीधर बाजिया, पूर्व विधायक शुभकरण चौधरी, पूर्व सांसद संतोष अहलावत, पूर्व विधायक रतन जलधारी सहित अनेक नेता मौजूद रहें.

झुंझुनूं भाजपा की वर्तमान कार्यकारिणी में से सिर्फ भाजपा जिला उपाध्यक्ष राजेंद्र भांबू पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के स्वागत में दिखाई दिए. डूंडलोद के युवा नेता गिरधारी इंदोरिया भी काफी सक्रियता के साथ नजर आए और सैंकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ राजे का स्वागत किया.

लंपी बीमारी और फसल खराबे ने किसानों को तोड़ दिया
 उन्होंने इस यात्रा को चुनावी यात्रा या फिर आगे फिर से कोई चुनावी यात्रा के सवाल पर कहा कि अभी बहुत जल्दी है. चुनावी यात्रा का समय अभी नहीं आया है. उन्होंने कहा कि यह पूर्णतया उनकी धार्मिक यात्रा है. इस मौके पर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे पहली बार कांग्रेस के आपसी झगड़े पर बोली और आक्रामक नजर आई. उन्होंने कहा कि लंपी बीमारी और फसल खराबे ने किसानों को तोड़कर रख दिया है.

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लेकिन नेता केवल दौरे कर रहे है. लेकिन सुध कोई नहीं ले रहा. खासकर प्रदेश के मुखिया अशोक गहलोत, जिनकी जिम्मेदारी बनती है कि वे इन समस्याओं का समाधान करें. पर उन्होंने भी इसमें कोई दिलचस्पी हीं दिखाई. सब लोग अपनी कुर्सी में बिजी है.

10 दिन में किसानों के कर्ज माफ करने के वादे किए थे
 वहीं, आपसी झगड़े में राजस्थान की जनता को भगवान भरोसे छोड़ दिया है. पूर्व सीएम यही नहीं रूकी. उन्होंने कहा कि ​चुनावों में किसानों को सस्ती बिजली देने का वादा किया था. एक बार कहा कि 50 यूनिट फ्री दे रहे है. लेकिन अब किसानों से फीडबैक मिल रहा है, फ्री बिजली तो दूर, उनकी बिजली को महंगा कर दिया है. पहले के मुकाबले बिल डेढ़ से दो गुना बढ़ गए है.

दो सालों में चार लाख कृषि कनेक्शन का वादा करने वाली सरकार एक साल में महज 20 हजार कृषि कनेक्शन दे पाई हैं. आने वाले एक साल में शेष कनेक्शन नामुमकिन है. यह सरकार वैसे ही वादे पूरे करते हैं. जैसे चुनावों के वक्त 10 दिन में किसानों के कर्ज माफ करने के वादे किए थे.

Reporter- Sandeep Kedia

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