Jhunjhunu: झुंझुनूं के पिलानी प्रधान बिरमा देवी की मुश्किलें बढ़ रही है.एक बार फिर पिलानी पंचायत समिति की प्रधान बिरमा देवी की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. गत दिनों अविश्वास प्रस्ताव को बाल-बाल ही बचा सकीं, बिरमा देवी के लिए आने वाला समय भी मुश्किलों भरा दिखाई दे रहा है.
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Jhunjhunu: झुंझुनूं के पिलानी से इस वक्त की बड़ी खबर मिल रही है.दरअसल बिरमा देवी के खिलाफ पंचायत समिति सदस्य राजकुमार ने हाईकोर्ट में बर्खास्तगी की याचिका दायर की है. जिस पर हाईकोर्ट ने प्रधान समेत अन्य अधिकारियों को नोटिस जारी किए है.
राजस्थान हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता संजय महला ने बताया कि राजकुमार की ओर से दायर की गई याचिका में पिलानी प्रधान पर कर्तव्यों के निर्वहन में गंभीर कोताही बरतने के आरोप साक्ष्य के साथ लगाए गए है. इसके अलावा उनकी बर्खास्तगी तथा वित्तीय अधिकार किसी अन्य सक्षम अधिकारी को दिए जाने की मांग कोर्ट से की गई है.
जिस पर कोर्ट ने प्रारंभिक सुनवाई करते हुए ना केवल याचिका को स्वीकार कर लिया है. बल्कि ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के प्रमुख सचिव, उपायुक्त एवं शासन सचिव, जिला कलेक्टर झुंझुनूं, जिला परिषद सीईओ, एसडीओ सूरजगढ़ व प्रधान बिरमा देवी को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब मांगा है.
आपको बता दें कि मामले के अनुसार पंचायत समिति पिलानी के निर्वाचित सदस्य राजकुमार ने सीनियर एडवोकेट संजय महला के जरिए रिट याचिका दायर कर बताया कि पंचायत समिति की प्रधान अपने कर्तव्यों के निर्वहन में पूरी तरह उदासीन व असफल रही है. जिसे पंचायती राज अधिनियम के प्रावधानों के तहत सरकार बर्खास्त कर, वित्तीय अधिकार किसी अन्य सक्षम अधिकारी को हस्तांतरित करें.
बहस में एडवोकेट संजय महला ने कहा कि प्रधान ने नियमानुसार बैठकों का आयोजन नहीं किया. विकास कार्यों व निर्माण कार्यों को लेकर उदासीन रही है। ऐसी स्थिति में सरकार द्वारा देय 5 करोड़ का बजट लेप्स होने की स्थिति में है. बिल वाउचरों पर भी हस्ताक्षर नहीं कर रही है। 9 जनवरी 2023 को अविश्वास प्रस्ताव प्रक्रिया में मात्र एक मत के अंतर से अयोग्य होने से बची थी. विकास अधिकारी ने बार बार पत्र द्वारा प्रधान को उसके पदीय कर्तव्यों की पालना के लिए लिखा.
जिला परिषद के सीईओ ने भी 19 जनवरी को पंचायती राज विभाग से मार्गदर्शन मांगा था एवं इससे पूर्व में 2 अगस्त 2022 को प्रधान को कारण बताओ नोटिस भी जारी कर जवाब मांगा था. याचिका में मांग की गई है कि पंचायती राज अधिनियम के प्रावधानों को देखते हुए विभाग ने अभी तक ना तो प्रधान को निलंबित किया है एवं ना ही बर्खास्तगी बाबत कोई कदम उठाया है. जबकि पंचायत समिति पिलानी के सारे विकास कार्य ठप पड़े हैं.
मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश इंद्रजीत सिंह ने याचिका के तथ्यों, परिस्थितियों एवं प्रस्तुत दस्तावेजों के अवलोकन के बाद ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अधिकारियों, जिला कलेक्टर, जिला परिषद व अन्यों को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह में जवाब मांगा है.
प्रधान पर लगाए गए आरोप
- प्रधान बिरमा देवी ने नियमानुसार बैठकों का आयोजन नहीं किया.
- विकास कार्यों और निर्माण कार्यों को लेकर उदासीनता के कारण करीब पांच करोड़ का बजट लैप्स होने की स्थिति में.
- बिल वाउचरों पर हस्ताक्षर नहीं करना.
- 9 जनवरी 2023 को अविश्वास प्रस्ताव प्रक्रिया में मात्र एक मत के अंतर से अयोग्य होने से बची थी.
- विकास अधिकारी ने बार बार पत्र द्वारा प्रधान को उसके पदीय कर्तव्यों की पालना के लिए निवेदन भी स्वीकार नहीं किया.
- जिला परिषद के सीईओ ने भी 19 जनवरी को पंचायती राज विभाग से मार्गदर्शन मांगा था एवं इससे पूर्व में 2 अगस्त 2022 को प्रधान को कारण बताओ नोटिस भी जारी कर जवाब मांगा था.
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