Sarjit Kajla : एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म मेकर, दो नेशनल अवॉर्ड, अब UPSC में 455वीं रैंक
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Sarjit Kajla : एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म मेकर, दो नेशनल अवॉर्ड, अब UPSC में 455वीं रैंक

Jhunjhunu News : यूपीएससी एग्जाम में झुंझुनूं के लोयल गांव के सरजीत काजला ने 455वीं रैंक हासिल की है. 10 साल तक डॉक्यूमेंट्री फिल्म मेकिंग का काम करने के बाद सरजीत ने फिर से किताबें संभाली और ये सफलता दूसरे प्रयास में प्राप्त की.

Sarjit Kajla : एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म मेकर, दो नेशनल अवॉर्ड, अब UPSC में 455वीं रैंक

Jhunjhunu News : सरजीत ने बताया कि प्रारंभिक पढाई गांव में करने के बाद उन्होंने कक्षा 10 तक की पढाई नवोदय काजड़ा में की. इसके बाद सीरी स्कूल पिलानी से सीनियर किया. इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया. इस दौरान उन्हें फोटोग्राफी का शौक लग गया. उनकी फोटोग्राफी देखकर डॉक्यूमेंट्री फिल्म मेकर ने उन्हें इसी लाइन में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया.

 उन्होंने करीब 10 साल तक डॉक्यूमेंट्री फिल्म मेकिंग का काम किया. उनकी दो डॉक्यूमेंट्री ने नेशनल पुरस्कार तक प्राप्त किए. लेकिन जब भी गांव आते तो गांव के लोगों को उनकी डॉक्यूमेंट्री फिल्म मेकिंग समझ में नहीं आती और वे अकसर डायरेक्ट इन डायरेक्ट यही बोलते कि कहां जंगलों में फोटोग्राफी करता घूमता है. कोई एग्जाम देता तो आज अफसर बन जाता.

बार-बार की जाने वाली इन बातों ने सरजीत को प्रोत्साहित किया. सरजीत ने खुद को जांचने के लिए पढाई छोड़ने के करीब 10 साल बाद फिर से किताबें पकड़ी और पढाई की. पिछली साल सफलता हासिल नहीं हुई. लेकिन इस बार सरजीत ने यूपीएससी एग्जाम क्रैक कर दिया. जिसके बाद परिवार और गांव में खुशी का माहौल है. सरजीत के पिता सुभाष काजला किसान और मम्मी मीरादेवी गृहिणी है.

पास-फेल की मत सोचो, जो मन में है करो, मलाल नहीं रहेगा
सरजीत काजला ने बताया कि वे सिर्फ यह कहना चाहेंगे कि किसी भी एग्जाम से डरना नहीं चाहिए कि हम फेल हो जाएंगे. यदि मन में है कुछ करने की तो वो करके रहो और उसमें अपना 100 प्रतिशत दो. पास हुए तो सपना पूरा होगा. फेल भी हुए तो भविष्य में मलाल नहीं रहेगा कि मैंने कोशिश ही नहीं की. इसलिए मन में जो है वो करके रहो.

अपनी लाइन से संतुष्ट थे, पर लोगों के विश्वास को परखने के लिए दी परीक्षा
सरजीत काजला ने बताया कि वे अपनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म मेकिंग लाइन से काफी संतुष्ट थे. लगातार काम भी आ रहा था और उन्हें काफी मजा आ रहा था. लेकिन गांव के लोगों का उन पर विश्वास था कि मैं यूपीएससी जैसे एग्जाम भी क्रैक कर सकता हूं. इसलिए खुद को परखने के लिए सरजीत ने परीक्षा दी और सफलता प्राप्त की. हालांकि सरजीत अभी एक और मौका ले रहे है. इस बार भी वे यूपीएससी में शामिल हो रहे है. उन्हें पूरा विश्वास है कि इस बार इस रैंक में सुधार होगा.

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