झुंझुनूं: पेट्रोल-डीजल चोरी करने वाले गैंग का खुलासा, हरियाणा से हर रोज 40 लीटर आता है तेल
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झुंझुनूं: पेट्रोल-डीजल चोरी करने वाले गैंग का खुलासा, हरियाणा से हर रोज 40 लीटर आता है तेल

जिले में इन दिनों डीजल तस्करों की गैंग काफी सक्रिय है और यह गैंग हरियाणा बॉर्डर के इलाकों से बड़ी मात्रा में डीजल और पेट्रोल की तस्करी करती है. झुंझुनूं जिले से सटे लोहारू और नारनौल बॉर्डर से प्रतिदिन करीब 40 हजार लीटर डीजल और पेट्रोल की तस्करी कर झुंझुनूं में लाई जाती है.

झुंझुनूं: पेट्रोल-डीजल चोरी करने वाले गैंग का खुलासा, हरियाणा से हर रोज 40 लीटर आता है तेल

झुंझुनूं: जिले में इन दिनों डीजल तस्करों की गैंग काफी सक्रिय है और यह गैंग हरियाणा बॉर्डर के इलाकों से बड़ी मात्रा में डीजल और पेट्रोल की तस्करी करती है. झुंझुनूं जिले से सटे लोहारू और नारनौल बॉर्डर से प्रतिदिन करीब 40 हजार लीटर डीजल और पेट्रोल की तस्करी कर झुंझुनूं में लाई जाती है. डीजल और पेट्रोल की बढ़ती तस्करी से हरियाणा बॉर्डर पर लगे हरियाणा के पेट्रोल पंप संचालकों की बल्ले-बल्ले है. वहीं झुंझुनू के पेट्रोल पंप संचालक इस बढ़ती तस्करी से परेशान है.

झुंझुनूं में तस्करों ने कच्चे रास्तों के जरिए नया रूट बना लिया है. तस्करी करने वाले लोग डीजल एवं पेट्रोल से मोटी रकम कमा रहे हैं. इसलिए यह धंधा फल फूल रहा है. इसकी बड़ी वजह हरियाणा में राजस्थान की तुलना में डीजल पेट्रोल सस्ता होना है. दोनों राज्यों में डीजल करीब 5 प्रति लीटर तो पेट्रोल में करीब 13 रुपए का अंतर है. इसलिए तस्कर वहां से सस्ता लाकर यहां के भावों से कम में बेचकर भी मुनाफा कमा रहे हैं.

झुंझुनूं बॉर्डर से कुछ साल पहले हरियाणा से अवैध शराब की तस्करी ही होती थी. लेकिन अब बॉर्डर पर डीजल व पेट्रोल तस्करी का खेल जोर-शोर से चल रहा है. हरियाणा के लोहारू, गोदबलावा और बहल इलाके के एक दर्जन से अधिक फिलिंग स्टेशनों से शेखावाटी में डीजल-पेट्रोल की तस्करी सबसे ज्यादा होती है. इस काम के लिए पिकअप गाड़ियां काम में ली जाती हैं. जिले में रोजाना करीबन 25 पिकअप में हरियाणा के पेट्रोल पंपों से डीजल लाते हैं. एक पिकअप में 2000 लीटर डीजल आता है. ऐसे हर दिन 50 हजार लीटर डीजल तस्करी कर लाया जा रहा है.

20 किमी के दायरे में झुंझुनूं में एक भी पेट्रोल पंप नहीं

हरियाणा में पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम होने और राजस्थान में अधिक होने के कारण तस्करी बढ़ गई है. तस्करी बढ़ने के कारण हरियाणा में बॉर्डर के 10 किमी एरिया में करीब 15 पेट्रोल पंप चल रहे हैं. जबकि झुंझुनूं जिले में बॉर्डर के आसपास करीब 20 किमी एरिया में एक भी पेट्रोल पंप नहीं है. पिछले कुछ सालों में खुले पंप भी बिक्री नहीं होने के कारण बंद हो गए.

तस्करी रोकने के लिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरे 

पेट्रोल डीजल पर राजस्थान में हरियाणा के बराबर नहीं होने के कारण कीमतों में काफी अंतर है. इसी की वजह से हरियाणा बॉर्डर से सटे हुए इलाकों में तस्कर काफी सक्रिय हैं और रोजाना करीब 40000 लीटर पेट्रोल डीजल लाकर जिले में अलग-अलग जगहों पर ग्रामीण इलाकों में सप्लाई की जाती है. बॉर्डर इलाकों के पेट्रोल पंपों पर खासी भीड़ रहती है. पुलिस ने इस तस्करी को रोकने के लिए नाके लगाए हैं और इन नाकों पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं. पुलिस से दो कदम आगे निकलते हुए डीजल तस्करों ने बॉर्डर इलाके के ग्रामीण रूटों को तस्करी के लिए तैयार कर लिया और अब इन्हीं रूटों से तस्करी की जाती है.

हरियाणा में सस्ता मिलता डीजल

कभी कभार पुलिस को सूचना मिलती है तो तस्कर अपने रूट बदल लेते हैं. कभी कभार मुखबिर की सूचना पर पुलिस कार्रवाई करने में कामयाब हो जाती है. ग्रामीण इलाकों में डीजल से भरी हुई पिकअप गाड़ियां सड़कों पर दौड़ती हुई नजर आएगी. वहीं रेटों में अंतर अधिक होने के कारण झुंझुनूं जिले के बॉर्डर से सटे हुए ग्रामीण इलाकों के लोग भी डीजल पेट्रोल भरवाने हरियाणा बॉर्डर पर लगे हुए पेट्रोल पंप पर ही जाते हैं. हरियाणा में वैट कम है, इसलिए वहां रेट भी कम हैं. जबकि राजस्थान में वैट अधिक है, इसलिए रेट भी अधिक है. रेट अधिक होने के कारण तस्कर सक्रिय है. वे हरियाणा से कम कीमत में डीजल पेट्रोल लाकर यहां वाहन चालकों को यहां की रेट की तुलना में सस्ता देते हैं. इसलिए यह तस्करी का खेल फल फूल रहा है.

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