Jhalwara news: झालावाड़ जिला मुख्यालय सहित जिले के विभिन्न कस्बों में देर शाम मानसून जमकर मेहरबान हुआ और झमाझम बारिश हुई,जिसके चलते जिला मुख्यालय सहित विभिन्न कस्बों के नदी नालों में पानी बह निकला.
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Jhalwara news: झालावाड़ जिला मुख्यालय सहित जिले के विभिन्न कस्बों में जोरदार बारिश हुई है, तो वहीं, कई तालाबों की भी चादर चलने लगी है. उधर अपनी फसलों के मुरझाने को लेकर चिंतित किसानों के चेहरे भी देर रात हुई बारिश के बाद आखिर खिल उठे.बारिश से फसलों को भी जीवनदान मिल गया है.उधर झालावाड़ शहर के खंडीया तालाब में भी चादर चलने लगी है,जिसे देखने भी बड़ी संख्या में शहरवासी पहुंच रहे हैं.
राजस्थान का चेरापूंजी कहे जाने वाले झालावाड़ में इस बार मानसून की बेरुखी का लोगों को सामना करना पड़ा.बीते एक पखवाड़े से बारिश थम सी गई थी. ऐसे में जिले के विभिन्न कस्बों में लोक देवता घास भैरू की सवारी निकालकर इंद्रदेव को मनाने के प्रयास किये जा रहे थे,तो वहीं बारिश को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में भी टोटके शुरू हो गए और लोगों ने घरों के बाहर जंगल में जाकर खाना बनाया और उज्जैयनी मनाई.
हालांकि शायद लोगों की परेशानियों को देख इंद्रदेव को भी तरस आ गया और देर रात झालावाड़ जिला मुख्यालय सहित जिले के विभिन्न कस्बों में भी झमाझम बारिश हुई. झालावाड़ जिला मुख्यालय पर देर रात से सुबह तक 102 एमएम बारिश दर्ज हुई है,जिसके चलते शहर के खंडिया तालाब की चादर छलक गई. वहीं, उधर शहर का नया तालाब और लोटियाझर में भी झरना चलने लगा हैं. ऐसे में शहर के युवा भी आज रविवार का लुफ्त उठाते नजर आ रहे.
उधर बारिश की बेरुखी से किसान भी चिंतित थे और फसले मुरझाने का डर सता रहा था. ऐसे में देर रात हुई झमाझम बारिश से किसानों के भी चेहरे भी खिल उठे हैं. खेतों में मुरझाती फसलों को भी जीवनदान मिल गया है. झालावाड़ जिले में अभी तक कुल औसत 516 एमएम बारिश दर्ज हुई है, जो अन्य वर्षो के मुकाबले कम है.
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