Jalore News: जिले के सायला कस्बे में राजपूत समाज का प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित किया गया. वहीं इस समारोह में सभी अतिथियों ने मां केवाय भवानी के छाया चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया.
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Jalore, Bhinmal: जिले के सायला कस्बे में राजपूत समाज का प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित किया गया. वहीं इस समारोह में सभी अतिथियों ने मां केवाय भवानी के छाया चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया.
दहिया राजवंश के कुल महापुरुष राणा चच्चदेव की 1056वीं जयंती के उपलक्ष में दहियावती राजपूत संघ के तत्वावधान में आयोजित राजपूत प्रतिभा सम्मान समारोह कैवाय माता मंदिर गढ़ बावतरा के मंदिर परिसर में भव्य आयोजन हुआ इस अवसर पर हजारों क्षत्रिय और क्षत्राणियों की मौजूदगी में करीब 150 प्रतिभाओं को स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया.
समारोह में पावन सानिध्य प्रदान करने वाले प्रेम नाथ महाराज भेरुनाथ अखाड़ा जालौर, आशा भारती महाराज उम्मेदाबाद का रहा. वही इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर अतिरिक्त जिला कलेक्टर वारसिंह दहिया, आबकारी इंस्पेक्टर शंबु सिंह सेरना, श्री क्षत्रिय युवक संघ संभाग प्रमुख अर्जुनसिंह देलदारी, सायला सरपंच रजनी कंवर रहे.
रैली रही आकर्षण का केंद्र
प्रतिभा सम्मान समारोह को लेकर दहियावती राजपूत संघ की ओर से रैली का आयोजन किया गया, जिसमें राजस्थान की सुप्रसिद्ध गैर नृत्य आकर्षण का केंद्र, गैर नृत्य कात्यानी माता मंदिर, सायला मुख्य बस स्टेशन, राणा वराह सर्कल सहित प्रत्येक चौराहे पर गैर नृत्य किया गया.
लोगों ने बरसाए फूल
रैली को जगह जगह लोगो द्वारा फूल बरसाए गय. वही केसरिया बाना पहने क्षत्रिय राजपूत वाहनों पर सवार होकर रवाना हुए तो जहा देखे वहा सभी जगह केसरिया रंग में तब्दील हो गई. जहां लोगो ने खूब फूल बरसाए. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आबकारी इंस्पेक्टर शंबुसिंह सेरणा ने कहा की आज समाज में शिक्षा की कमी है, ऐसे में उन्होंने शिक्षा पर जोर देने की बात कही.
इसी तरह श्री क्षत्रिय युवक संघ संभाग प्रमुख अर्जुनसिंह देलदरी ने क्षत्रिय के सात गुणों को आत्मसात करने की बात कही, सात गुणों को धारण करने वाले परीपूर्ण क्षत्रिय कहलाता हैं, वही देलदरी ने संस्कार शिविर लगाने की भी बात कही. इसी तरह पूर्व प्रधान जबरसिंह तूरा सहित अनेक वक्ताओ ने संबोधित किया. मंच संचालन भवरसिंह सुराणा ने किया.