Western Rajasthan News: राजस्थान में बारिश के वाबजूद भी पश्चिमी राजस्थान में सूखे के हालात बन गए हैं. जून जुलाई के बाद पिछले 50 दिनों से बारिश नहीं होने के कारण सांचौर जिला भी सूखे की चपेट में हैं.
Trending Photos
Western Rajasthan News: राजस्थान में बारिश के वाबजूद भी पश्चिमी राजस्थान में सूखे के हालात बन गए हैं. जून जुलाई के बाद पिछले 50 दिनों से बारिश नहीं होने के कारण सांचौर जिला भी सूखे की चपेट में हैं. पश्चिमी राजस्थान के किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा रही हैं. सूखे के हालात से किसान टेंशन में हैं.
सांचौर चितलवाना रानीवाड़ा और बागोड़ा क्षेत्र में करीब 3 लाख 70 हजार हेक्टर से अधिक क्षेत्र में खड़ी बाजरा, ग्वार, मुंग, मोठ, अरंडी और मुंगफली की फसले खेतों में ही जल गई है लेकिन सरकार की ओर से अभी तक गिरदावरी नहीं करवाई गई है. पटवारी संघ के हड़ताल पर जाने के कारण गिरदावरी का काम काज अटका हुआ था लेकिन अब पटवारी भी हड़ताल से लौट आए है लेकिन अभी तक गिरदावरी करने को लेकर प्रशासन ने कोई तैयारी भी नहीं की है.
किसानों का कहना है कि उन्होंने खरीफ फसलों का बीमा करवाया है लेकिन क्रॉप कटिंग से पहले फसल खराबे का क्लेम नहीं होगा. सरकार की ओर से अभी तक ना तो गिरदावरी करवाई जा रही है और ना ही क्रॉप कटिंग. ऐसे में अगर समय पर गिरदावरी और क्रॉप कटिंग नहीं हुई तो किसान क्लेम से वंचित रह जाएंगे.
बिपरजॉय तूफान की एंट्री के साथ क्षेत्र में जमकर बारिश हुई कई जगहों पर तो आज भी जल भराव की स्थिति बनी हुई है लेकिन जुलाई और अगस्त माह में बारिश नहीं होने के कारण फसलों को पानी नहीं मिल पाया और किसानों के खेतों में खड़ी फैसले जलकर चौपट हो गई है. किसान अब जली हुई फसलों को इकट्ठा करने में लगे हैं जबकि सरकार स्तर पर अभी तक गिरदावरी नहीं करवाई गई है.
किसानों ने फसल का बीमा करवाया था जिसका प्रीमियम करोड़ों रुपए है लेकिन गिरदावरी नहीं करवाई जाने के कारण भीषण अकाल की स्थिति में किसानों को खराबे का क्लेम भी नहीं मिल पाएगा.
सांचौर जिले की बात करें तो खरीफ 2023 में लगभग 3 लाख 70 हजार हेक्टर क्षेत्र में खरीफ की फसल की बुवाई की गई है जिसमें बाजार 2 लाख 90 हजार, ग्वार 19,500 हजार हेक्टर, अरंडी 20,700 हजार हेक्टर, मूंगफली 37,500 हजार हेक्टर हेक्टर मूंग 4500 हेक्टर मोठ 800 हेक्टर, अन्य फैसले 350 हेक्टेयर क्षेत्र में अनुमानित बुआई की गई है.
ये भी पढ़ें- राजस्थान में फिर मानसून की धमाकेदार वापसी, अगले 5 दिन कोटा-उदयपुर-जयपुर-बीकानेर में बारिश
मानसून की अच्छी वर्षा होने के बाद पिछले 50 दिनों से क्षेत्र में वर्षा नहीं हुई. जिसके चलते खरीफ कि फसले सूखने लगी है और पैदावार भी प्रभावित हुई है जिसमें बाजार की फैसले में लगभग 70% से अधिक नुक्सान पहुंचा है. कई गांव ऐसे भी हैं जहां 100% नुकसान हुआ है. मूंग की फसल में 40 से 50% ग्वार में 80 से 90% तथा मूंगफली में 15 से 20% पैदावार प्रभावित होने की संभावना है. बारिश के अभाव के चलते 70 प्रतिशत से अधिक फसलें सूखने लगी है जिसके चलते किसान चिंतित हैं.
बारिश नहीं होने के चलते सूखे के हालात को देख जी मीडिया की टीम ग्राउंड जीरो पहुंची और किसानों से राय जानी किसानों का कहना है कि दो महिनों से बारिश नहीं होने के चलते फसले पूरी तरह से जल चुकी है. किसान जली हुई फसलों को इकट्ठा करने में लगे नजर आए. किसानों का कहना है कि सरकार जल्द से जल्द गिरदावरी करवा कर राहत प्रदान करें ताकि किसानों को मदद मिल सके सांचौर एडीएम ने भी जल्द से जल्द गिरदावरी करवा कर राहत प्रदान कराने का भरोसा दिलाया है.
Reporter - Gunpat Lal