मुसलाधार बारिश के बाद सभी नदी नाले और बांधों में पानी कि आवक बढ़ी थी, लेकिन रानीवाड़ा के जैतपुरा बांध में पानी कि आवक नहीं हुई.
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Jalore: रानीवाड़ा उपखंड क्षेत्र में मुसलाधार बारिश के बाद सभी नदी नाले और बांधों में पानी कि आवक बढ़ी थी, लेकिन रानीवाड़ा के जैतपुरा बांध में पानी कि आवक नहीं हुई. मानसुन कि कुल योग बारिश करीब 800 एमएम दर्ज कि गई पर बांध पुरी तरह से सुखा पड़ा है. इस साल कई खेतों मे एनीकेट बने हुए हैं, जिस कारण जेतपुरा बांध मे पानी कि आवक नहीं हुई.
साथ ही 23 सालों में एक बार ही 2017 में ईस बांध में पानी कि आवक हुई. ईतना पानी भर गया था कि जिसके कारण बांध डैमेज हो गया और आस-पास के कई खेतों सहित गुजरात के धानेरा को भी तबाई का मन्जर बना दिया था. 2017 में डेमेज हुए बांध का नवीनीकरण का कार्य भाजपा के विधायक नारायण सिंह देवल ने करवाया था.
बांध का लोाकर्पण 21 दिसंबर 1998 में सिंचाई मंत्री कमला बेनीवाल और रानीवाड़ा के पुर्व विधायक रतनाराम चोधरी ने किया था. इस बांध कि भराव क्षमता 5 मीटर तक है, अभी तक ये बांध जीरो गेज पर है. इस बार भी बांध में भराव क्षमता नहीं होने के कारण क्षेत्र के किसानों के कुओ में जलस्तर कि बढ़ोतरी नहीं होगी, जिससे किसानों में मायुसी देखने को मिल रही है.
जसवंतपुरा में सर्वाधिक 802 एमएम बारिश
इसी प्रकार इस वर्ष सीजन में अब तक हुई बारिश के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो जसवंतपुरा में सर्वाधिक बारिश दर्ज की गई है. वहीं चितलवाना में सबसे कम बारिश दर्ज हुई है. जालोर में 738 एमएम, आहोर में 455, सायला में 466, भीनमाल में 708, बागोड़ा में 354, जसवंतपुरा में 802, रानीवाड़ा में 767, चितलवाना में 347 व सांचौर में 489 मिलीमीटर बारिश दर्ज की जा चुकी है, ऐसे में देखा जाए तो औसत 50 सेंटीमीटर बारिश होने वाले जालोर जिले में इस बार औसत पार हो चुका है.
Reporter: Dungar Singh
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