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राजस्थान का वो रहस्यमयी मंदिर, जहां से घर नहीं लाया जाता है प्रसाद और पानी की बोतल

Rajasthan News: आज हम आपको राजस्थान के उस मंदिर के बारे में बताने जा रहे है, जहां से घर पर प्रसाद और पानी की बोतल नहीं लानी चाहिए. जानिए इसकी वजह. 

 

दो तरीके से चढ़ाया जाता प्रसाद

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दो तरीके से चढ़ाया जाता प्रसाद

मेहंदीपुर बालाजी के मंदिर में प्रसाद दो तरीके से चढ़ाया जाता है. पहले दरखास्त और दूसरा अर्जी. दरखास्त का प्रसाद 2 बार खरीदना पड़ता है, इस प्रसाद को चढ़ाते ही उसी टाइम मंदिर से निकल जाना होता है. वहीं, अर्जी का प्रसाद 3 थालियों में दिया जाता है. अर्जी का प्रसाद लौटते वक्त पीछे की ओर फेंक दिया जाता है, जिसे मुड़कर नहीं देखना चाहिए. 

नकारात्मक शक्तियां

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नकारात्मक शक्तियां

ऐसे में कहा जाता है कि यदि यहां का प्रसाद कोई इंसान खा ले तो वो अपने साथ घर नकारात्मक शक्तियों को लेकर जाता है. इसी के चलते यहां खरीदा हुआ प्रसाद या मिलने वाला वहीं छोड़ आते हैं. 

 

भूत-प्रेत जैसी बुरी शक्तियां

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भूत-प्रेत जैसी बुरी शक्तियां

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर से प्रसाद घर लाने नहीं दिया जाता है. दरअसल, यह मंदिर भूत-प्रेत जैसी बुरी शक्तियों से मुक्ति पाने के लिए पूरे देश में जाना जाता है. 

 

प्रसाद क्यों जाता है फेंक

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प्रसाद क्यों जाता है फेंक

आपने इस मंदिर को लेकर सुना होगा कि मेहंदीपुर बालाजी का प्रसाद, यहां तक कि पानी की बोतल भी घर नहीं लाने के लिए कहा जाता है. यहां मिलने वाले प्रसाद को लोग या तो वहां फेंक देते हैं या फिर लेते ही नहीं हैं. ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल है कि आखिर ऐसा क्यों?  

 

मेहंदीपुर बालाजी का मंदिर

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मेहंदीपुर बालाजी का मंदिर

राजस्थान में मेहंदीपुर बालाजी का मंदिर है. इस मंदिर में हनुमान जी अपने बाल स्वरुप में विराजमान हैं. कहा जाता है कि यहां दर्शन करने से इंसान की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.