नाग पंचमी हिंदू कैलेंडर के अनुसार सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 9 अगस्त 2024 को प्रात: 12 बजकर 36 मिनट पर होगी और इसका समापन 10 अगस्त 2024 को प्रात: 03 बजकर 14 मिनट पर होगा.
नाग पंचमी हिंदू कैलेंडर के अनुसार सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि की शुरुआत 9 अगस्त 2024 को प्रात: 12 बजकर 36 मिनट पर होगी और इसका समापन 10 अगस्त 2024 को प्रात: 03 बजकर 14 मिनट पर होगा.
डॉक्टर अंकित त्यागी, ज्योतिषाचार्य
नाग पंचमी के अवसर पर नाग देवता की पूजा करते हैं और उनके आराध्य भगवान शिव की भी पूजा करते हैं. सावन का महीना वैसे भी शिव जी की पूजा के लिए होता है, इसमें उनके प्रतीक चिह्नों का भी महत्व और भी बढ़ जाता है. भगवान शिव के गले में नागराज वासुकी लिपटे रहते हैं. इसके लिए उन्होंने कठोर तप किया था, जिसके बाद उनको शिव जी के पास रहने का आशीर्वाद मिला.
नाग पंचमी पर सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान करके साफ सुथरे वस्त्र धारण कर लें. फिर भगवान शिव की आराधना करें और प्रतीकात्मक नाग बनाकर पूजा करें. नाग देवता की पूजा में फल, फूल, मिठाई और दूध अर्पित करें. वहीं अगर जन्मकुंडली में कालसर्प दोष हो तो व्यक्ति को नाग पंचमी के दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना चाहिए. साथ ही इस दिन ब्राह्मण और जरूरतमंदों को दान करना चाहिए. ऐसा करने से राहु-केतु के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिल सकती है. वहीं नाग पंचमी के दिन व्यक्ति को व्रत रखना चाहिए.
काल सर्प दोष के कारण जीवन में अचानक घटना और दुर्घटना के योग बनते हैं और व्यक्ति की तरक्की रुक जाती है. बाल्यकाल में किसी भी प्रकार की बाधा का उत्पन्न होना अर्थात घटना-दुर्घटना, चोट लगना, बीमारी आदि का होना, विवाह में विलंब, विद्या अध्ययन में रुकावट, संतान का न होना या संतान द्वारा घोर कष्ट, रोजगार का नहीं मिलना, गृहकलह, अकाल मृत्यु आदि भी काल सर्प दोष का लक्ष्मण माना जाता है. नाग पंचमी का दिन काल सर्प दोष निवारण का सबसे अच्छा दिन होता है.
नाग पंचमी के दिन भैरव बाबा के मंदिर जाकर कच्चा दूध चढ़ाएं. नाग पंचमी के दिन यथाशक्ति श्री महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें या करवाएं. नाग देवता की पूजा करने से पहले भगवान शिव की उपासना जरूर करें. भगवान शिव के गले में नाग देवता विराजमान हैं जो कि शिवजी को बहुत प्रिय हैं.
गाय के गोबर को पवित्र माना जाता है. नाग पंचमी के दिन गाय के गोबर से घर के मुख्य द्वार पर नाग की आकृति बनाकर पूजा-अर्चना करके अभिषेक करें और घी चढ़ाएं. इसके बाद नागराज के 12 नामों का जाप करें जो इस प्रकार हैं- अनंत, वासुकी, शेष, पद्म, कम्बल, कर्कोटक, अश्वतर, धृतराष्ट्र, शङ्खपाल, कालिया, तक्षक और पिङ्गल भी कुंडली में काल सर्प दोष दूर होता है. इसके अलावा सुनार से चांदी का नाग बनवाएं और इसे पुजारी द्वारा प्राण प्रतिष्ठा कराएं. इसके बाद इसे बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें. नाग पंचमी पर इस उपाय को करने से भी काल सर्प दोष दूर होता है.
नाग पंचमी के दिन घर में फिटकरी, समुद्री नमक को मिलाकर पोंछा लगाएं. इसके बाद घर में गुग्गल की धूप दें. कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए नाग पंचमी के दिन नागदेवता के मंदिर या फिर शिव मंदिर में जाकर झाड़ू लगानी चाहिए. साथ ही शिव मंदिर की सीढ़ियों पर 8 दिनों तक पोंछा लगाया जाए तो कालसर्प दोष से छुटकारा मिलता है.
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