Hanumangarh: पिता की हुई मौत तो बेटी चौखट को तिलक लगाकर गई, गांव वालों ने मिलकर भरा मायरा
Advertisement

Hanumangarh: पिता की हुई मौत तो बेटी चौखट को तिलक लगाकर गई, गांव वालों ने मिलकर भरा मायरा

Hanumangarh Mayra News:  हनुमानगढ़ के भादरा क्षेत्र स्थित गांव नेठराणा में पूरा गांव ने मीरा नाम की महिला की बेटियों की शादी में मायरे की रस्म निभाई है. मीरा के मायके में कोई नहीं था, तो बेटियों क शादी में मायरे की रस्म को लेकर वह परेशान थी ऐसे में नेठराणा गांव के सभी गांव वासों ने भाई का फर्ज निभाते हुए  भांजियों के मायरे की रस्म को पूरा किया. 

Hanumangarh: पिता की हुई मौत तो बेटी चौखट को तिलक लगाकर गई, गांव वालों ने मिलकर भरा मायरा

Hanumangarh Mayra News: राजस्थान को संस्कृति और विरासतों का राज्य कहते है. अनोखे रिति रिवाज हमेशा इस राज्य को रंगीलों राजस्थान की परिभाषा को परिभाषित करते है. एक ऐसी ही राजस्थान में प्रथा है मायरा की जो सालों से रिश्तों की अनोखी कहानियां लिखती चली आ रही है. इस प्रथा से रिश्तों की बुनियादें तो मजबूत हुई है. साथ ही रिश्तों में आत्मीयता का दायरा भी बढ़ता चला गया है. ऐसा ही एक मायरा भरा है जिसमें रिश्तों की मिठास को बड़े ही सुंदर तरीके से परिभाषित किया है. रिश्तों का यह सुंदर मिलन हनुमानगढ़ के भादरा क्षेत्र स्थित गांव नेठराणा में देखने को मिला है.  यहां  भाई के न रहने पर पूरा गांव ही भाई बना और फिर दो भांजियों का भात (मायरा) भरा. जिसकी  सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है.

बता दें कि गांव की बेटी मीरा हरियाणा के जांडवाला बागड़ ब्याही हुई है और मीरा की दो बेटियां मीनू और सोनू की  बीते गुरूवार को शादी थी और दोनों बहनों के सिर पर पिता का साया भी नहीं है और मायरा की रस्म को निभाने के लिए भाई भी नहीं है. ऐसे में नेठराना का लगभग पूरा गांव हरियाणा के जांडवाला बागड़ पहुंचा और दोनों बेटियों की शादी में इतना भात भरा की जांडवाला बागड़ के ग्रामीण भी हैरान रह गए. इस भात में पूरे नेठराना के ग्रामीणों ने लगभग 7 लाख रुपए नगद, करीब 3 लाख रुपए के सोने-चांदी के गहनों सहित 600 सूट दोनों बच्चियों को दिए.

मंजू की आंखे हुई नम
शादी के समय इस मंजर को देख मंजू की आंखे नम हो गई और वह कहने लगी कि जिस समय उसकी बेटीयों की शादी तय हुई थी और रस्मों में  जब पीहर जाकर भाइयों को भात न्योतने की रस्म निभाने की बारी आई तो उसका गला रुंध गया. वह पिता के घर को ही तिलक लगाकर लौट आई. क्योंकि वह जानती थी इस रस्म को निभाने वाला कोई नहीं है वहां

पीहर से जहां अपनी बेटियों के लिए मंजू को  कोई आशा नहीं थी, वहां  पूरे गांव से इस तरह के भाव देख वह काफी रो पड़ी.क्योंकि जो आशा उसे उसके पीहर पक्ष से थी वह रस्म उसके पूरे गांव ने निभाई.  इस भात में गांववालों ने मीरा को सात लाख रुपये नकद, तीन लाख रुपये के गहने और लाखों रुपये के कपड़े उपहार स्वरूप दिए.। साथ ही शादी का खर्च उठाने की भी बात कही. नेठराना के ग्रामीणों के इस प्रशंसनीय कार्य की जिले भर में सहराहना  हो रही है. वहीं भात भरने गए नेठराना के ग्रामीण भी गदगद दिखे. साथ ही उन्होंने इस अवसर पर कहा कि यह केवल मंजू की नहीं बल्कि पूरे गांव की बेटी है और गांव की बेटियों अपने ससुरात हंसते हुए विद होते ही अच्छी सलगती है. 

Trending news