डूंगरपुर के सार्वजनिक विभाग की सुस्ती के चलते चिखली में माही-जाखम नदी पर बन रहा संगमेश्वर हेंगिंग ब्रिज 5 साल बाद भी बनकर तैयार नहीं हुआ है.
Trending Photos
Dungarpur: डूंगरपुर के सार्वजनिक विभाग की सुस्ती के चलते चिखली में माही-जाखम नदी पर बन रहा संगमेश्वर हैंगिंग ब्रिज 5 साल बाद भी बनकर तैयार नहीं हुआ है. दिसंबर 2020 तक इस ब्रिज का पूरा होना था,लेकिन पहले कोरोना काल और फिर ब्रिज के डिजाइन संबंधित समस्या के चलते क्षेत्रवासियों को अभी एक साल और ब्रिज के लिए इन्तजार करना पड़ेगा.जानकारी के अनुसार कोटा के बाद प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा हैंगिंग ब्रिज डूंगरपुर से बांसवाड़ा के बीच बन रहा है.
125 करोड़ के बजट से बन रहें इस ब्रिज से दोनों जिलों के बड़े कस्बों के बीच 100 किमी से ज्यादा का फासला कम हो जाएगा. गुजरात से सटे डूंगरपुर के चीखली ग्राम पंचायत के बेडूआ गांव में माही-अनास ओर जाखम नदियों के त्रिवेणी संगम संगमेश्वर और बांसवाड़ा जिले के आन्नदपुरी के बीच हैगिंग ब्रीज का काम 5 सालों से चल रहा है, इस पुल के बनते ही सागवाड़ा से लेकर गलियाकोट समेत कई कस्बे 20 किमी की दूरी में बांसवाड़ा के आनंदपुरी से जुड़ जाएंगे, लेकिन 2020 में पूरा होने वाला पुल का काम अब 2023 में फाइनल करने की डेडलाइन दी है, ऐसे में लोगों का इंतजार बढ़ता जा रहा है. इस हैंगिंग ब्रिज की 2016 के बजट में घोषणा हुई थी.
पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में हुआ था स्वीकृत
यह ब्रिज पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के समय में 2016 में स्वीकृत हुआ था. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग राजस्थान सरकार की ओर से हैंगिंग ब्रिज का काम करवाया जा रहा है, चीखली-आनंदपुरी सड़क पर संगमेश्वर में माही नदी पर उच्च स्तरीय पुल का बन रहा है, जो प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा हैंगिंग ब्रिज है. ब्रिज की कुल लम्बाई 1.925 किलोमीट है. इसके लिए स्वीकृत राशि में से सीआरएफ मद से 99.16 करोड़ एवं एसआरएफ से 34.85 करोड़ रुपए खर्च होंगे. इस काम को 13 दिसंबर 2020 को पूरा करने की डेडलाइन दी गई थी, लेकिन पुल के डिजाइन के साथ ही कोरोना के चलते ये काम रुक गया और दो साल तक पुल नहीं बन सका. 4 साल तक पुल बनाने वाली कंपनी ही इसकी देखरेख भी करेगी.
अब तक 40 पर्सेंट हुआ काम
इस ब्रीज में चीखली की ओर 6 एवं आन्नदपुरी की ओर 6 पिल्लर बने हैं, दोनों छोर में कूल मिलाकर 16 पिल्लर में से 12 पिल्लर बनकर तैयार हो चुके हैं, 4 पिल्लर का कार्य जारी हैं. वहीं आंनदपुरी छोर पर टेंस्टिग की जानी है, जिस पर करीब 1900 टन वजन से टेंस्टिग की जाएगी, वहीं चीखली छोर पर 2500 टन से टेंस्टिग पूरी कर ली गई हैं. ब्रीज के प्रोजक्ट मैनेजर कुलदीप सिंह ने बताया कि अब तक करीब 40 प्रतिशत कार्य हुआ हैं और वर्तमान में कार्य जारी हैं. इस प्रोजेक्ट में अब तक करीब 15 महिने तक कार्य बंद रहा है, वहीं डिजाईन की भी समस्या आरही थी, जिसे विभाग के समक्ष रखा गया और डिजाइन में कुछ बदलाव किया गया. राजस्थान का पहला हैंगिंग ब्रीज कोटा चम्बल पुल पर तारो से बनाया गया है, इसी तर्ज पर यहा पर भी तारों का ब्रीज बनकर तैयार होगा।, इससे राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश तीन राज्यों की आपस में दूरी कवर होगी. वहीं राज्य के जालियांवाला बाग मानगढ़ धाम से भी सीधा जुडेगा.
संगमेश्वर पुल का निर्माण जारी है और इसे पूरा होने में फिलहाल एक साल से ज्यादा का और समय लगेगा. ऐसे में फिलहाल यात्रियों का सफर नाव से ही जारी हैं. बांसवाड़ा जिले के आंदनपुरी सहित सैकड़ों गांवों में सामाजिक समोराह में सम्मिलित होने के लिए लोगों नाव से ही आना-जाना करते हैं, दूसरी ओर राजकीय सेवाओं में कार्यरत कर्मचारी भी इन्हीं जलमार्ग से आते-जाते हैं, लेकिन इस ब्रिज का काम पूरा होने के बाद लोगों की राह आसान होगी.
Reporter: Akhilesh Sharma
ये भी पढ़ें- Rajasthan VDO Main Exam Result 2022: वीडीओ मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी, 5396 पदों पर हुई थी भर्ती
ये भी पढ़ें- NABARD Recruitment 2022: यहां असिस्टेंट मैनेजर के पदों पर है शानदार वैकेंसी, बिना देरी के NABARD में करें आवेदन
ये भी पढ़ें- 7 सरकारी डिपार्टमेंट्स में निकली वैकेंसी, राजस्थान के अभ्यर्थी हो जाए तैयार
अपने जिले की खबर पढ़ने के लिये यहां क्लिक करें