राजस्थान कांग्रेस के इस विधायक की BTP से बढ़ रही करीबी, छोड़ेंगे पार्टी, क्या कहती है तस्वीर
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राजस्थान कांग्रेस के इस विधायक की BTP से बढ़ रही करीबी, छोड़ेंगे पार्टी, क्या कहती है तस्वीर

Rajasthan news : राजस्थान में डूंगरपुर जिले ( Dungarpur ) से कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा की एक तस्वीर काफी वायरल हो रही है. जयपुर ( Jaipur ) में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के बाहर की तस्वीर जिसमें वो ऑटो पर सवार हो रहे है. इस तस्वीर के सियासी मायने निकाले जा रहे है.

राजस्थान कांग्रेस के इस विधायक की BTP से बढ़ रही करीबी, छोड़ेंगे पार्टी, क्या कहती है तस्वीर

Rajasthan news : राजस्थान में पिछले 3 साल से अशोक गहलोत और सचिन पायलट गुट के बीच की खींचतान में हर तस्वीर कुछ बयां करती है. हर फोटो के सियासी मायने निकाले जाते है. जयपुर में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने पार्टी नेताओं से मुलाकात की. इस में प्रदेश भर के पदाधिकारी पहुंचे. यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और डूंगरपुर से विधायक गणेश घोघरा भी यहां आए और निकलते समय वो ऑटो में बैठकर रवाना हुए. विधायक की ऑटो में बैठे ये वीडियो और फोटो पिछले 24 घंटों से सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. 

ऑटो और कांग्रेस विधायक

डूंगरपुर से कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा के ऑटो में बैठने के मायने इसलिए निकाले जाने लगे है क्योंकि जिस इलाके से वो विधायक है. उसी इलाके में भारतीय ट्राइबल पार्टी काफी प्रभावी है. BTP का चुनाव चिन्ह ही ऑटो है. ऐसे में घोघरा के ऑटो में बैठने के मायने निकलना तय था. हालांकि ये महज़ इत्तेफाद है. या सत्ता और संगठन में बैठे लोगों को बिना कुछ कहे बड़ा संदेश देने की कवायद थी, ये तो वक्त आने पर ही पता चलेगा.

पहले भी तेवर दिखा चुके है घोघरा

अशोक गहलोत सरकार के कामकाज से नाराज होकर डूंगरपुर से कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा ने इसी साल मई 2022 में इस्तीफा भी दिया था. इस्तीफा देने से पहले लिखे गए पत्र में उन्हौने कहा था कि मैं सत्ताधारी दल का विधायक हूं, लेकिन ऐसा लगता है कि मेरे पास यूथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष का पद और विधायकी होने के बावजूद मुझे अनदेखा किया जा रहा है.

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गणेश घोघरा को वैसे अशोक गहलोत गुट का माना जाता है. 2020 के सियासी संग्राम के दौरान लाडनूं विधायक और सचिन पायलट के करीबी मुकेश भाकर को यूथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर गणेश घोघरा को ये पद दिया गया था. इसके जरिए कांग्रेस ने दक्षिण राजस्थान के आदिवासी वोटर को साधने का भी काम किया था. लेकिन स्थानीय राजनीति में नेताओं के वर्चस्व की लड़ाई का नतीजा ये हुआ कि इस बार मई 2022 में घोघरा ने सोशल मीडिया पर अपनी पीड़ा भी बयां की और विधायक पद से इस्तीफा दिया था. बाद में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समझाने पर इस्तीफा वापिस ले लिया था.

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