बाड़ी: कलेक्टर ने कृषि उपज मंडी के परिसर का किया निरीक्षण, दिए ये निर्देश
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बाड़ी: कलेक्टर ने कृषि उपज मंडी के परिसर का किया निरीक्षण, दिए ये निर्देश

Bari, Dholpur News: राजस्थान के धौलपुर जिला कलेक्टर अनिल कुमार अग्रवाल ने बाड़ी शहर के बसेड़ी रोड स्थित कृषि उपज मंडी के परिसर का निरीक्षण किया. इस दौरान उपखंड प्रशासन के अधिकारियों के साथ तहसीलदार और रेवेन्यू डिपार्टमेंट के अधिकारी भी कलेक्टर के साथ मौजूद रहे.

बाड़ी: कलेक्टर ने कृषि उपज मंडी के परिसर का किया निरीक्षण, दिए ये निर्देश

Bari, Dholpur News: राजस्थान के धौलपुर जिला कलेक्टर अनिल कुमार अग्रवाल ने बाड़ी शहर के बसेड़ी रोड स्थित कृषि उपज मंडी के परिसर का निरीक्षण किया. इस दौरान उपखंड प्रशासन के अधिकारियों के साथ तहसीलदार और रेवेन्यू डिपार्टमेंट के अधिकारी भी कलेक्टर के साथ मौजूद रहे. उन्होंने रेवेन्यू डिपार्टमेंट के अधिकारियों और मंडी कमेटी के अधिकारियों से मंडी की अवाप्त भूमि के साथ मंडी कमेटी द्वारा भवन और अन्य कार्यों में उपयोग की गई भूमि और बीएसएनएल ऑफिस के साथ अन्य कॉलोनियों के लिए काटी गई भूमि के साथ शेष बची रेस्ट भूमि की जानकारी ली. 

साथ में उन्होंने रेवेन्यू डिपार्टमेंट के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो भी रेस्ट भूमि है उसका आकलन कर स्थान चिन्हित किया जाए, जिससे उक्त भूमि पर बाड़ी शहर के सामान्य अस्पताल के साथ पूर्व में भेजे गए मिनी सचिवालय के प्रस्ताव को लेकर हुई कार्रवाई को आगे बढ़ाया जा सके.

कृषि उपज मंडी परिसर की भूमि है उपयुक्त, कार्रवाई का प्रयास
कलेक्टर अनिल अग्रवाल ने बताया कि कृषि उपज मंडी की भूमि बाड़ी शहर के पास में है और यह अस्पताल बनाए जाने के लिए हर दृष्टि से उपयोगी है. वहीं इस भूमि पर पूर्व में मिनी सचिवालय बनाए जाने का प्रस्ताव भेजा गया था, जो किन्हीं कारणों से अटक गया. ऐसे में मिनी सचिवालय के साथ यदि यहां सामान्य अस्पताल बनता है तो यह शहर वासियों के लिए उपयुक्त होगा और इससे शहर का भी विकास हो सकेगा. उक्त स्थान पर काफी भूमि खाली पड़ी है, जिसका उपयोग मंडी कमेटी के सहयोग से किया जा सकता है.

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सन् 1977 में बनी थी कृषि उपज मंडी वर्तमान में गौण लैंगिक यार्ड
काश्तकारों की मानें तो यह कृषि उपज मंडी 1977 में बनी थी, जो लगातार रिड्यूज होकर अब धौलपुर कृषि उपज मंडी का एक गौण लेंगिक यार्ड बनकर रह गई है. काश्तकार हरिओम मित्तल ने बताया कि किसानों से मंडी कमेटी के लिए 54 बीघा भूमि एक्वायर्ड की गई थी, जिसमें से उस वक्त 14 बीघा भूमि पर मंडी परिसर बनाई गई और बाद में कुछ भूमि पर टेलिफोन एक्सचेंज और कॉलोनियों के लिए भूखंड काटे गए बाकी भूमि अभी भी खाली पड़ी है.

Reporter: Bhanu Sharma

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