Baseri: पशुवध शाला के लिए जगह एलॉट होने पर ग्रामीणों ने जताया विरोध, जानिए पूरा मामला
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Baseri: पशुवध शाला के लिए जगह एलॉट होने पर ग्रामीणों ने जताया विरोध, जानिए पूरा मामला

बसेड़ी के रीको इंडस्ट्रियल एरिया के पास कोटरा गांव में कोटेश्वर महादेव का अति प्राचीन और ऐतिहासिक महत्व का महादेव मंदिर है.

Baseri: पशुवध शाला के लिए जगह एलॉट होने पर ग्रामीणों ने जताया विरोध, जानिए पूरा मामला

Baseri: धौलपुर के बसेड़ी कस्बे के पास कोटरा क्षेत्र में रीको इंडस्ट्रियल एरिया में पशुवध शाला के लिए जगह एलॉट होने और वहां पशुवध शाला खोले जाने को लेकर कोटरा गांव के साथ हरजुपुरा पिपरोंन पंचायत के ग्रामीणों सहित बसेड़ी कस्बे के नागरिकों में आक्रोश व्याप्त है. ऐसे में पशुवध शाला के लिए रीको क्षेत्र से भूमि आवंटन प्रक्रिया का विरोध करते हुए बसेड़ी क्षेत्र के नागरिकों ने साधु-संतों के साथ उपखंड कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया और उपखंड अधिकारी को एक ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम सौंपा.

जिसमें सर्व समाज और साधु-संतों ने मांग की है कि यदि पशुवध शाला के लिए जगह अलॉट होने की प्रक्रिया चल रही है तो उसे तुरंत रोक दिया जाए. यदि कार्रवाई नहीं होती है तो पूरा बसेड़ी क्षेत्र का सर्व समाज साधु-संतों के साथ विरोध प्रदर्शन और आंदोलन करेगा. विरोध प्रदर्शन के दौरान साधु-संतों के साथ सर्व समाज का प्रतिनिधित्व कर रहे महेश फौजी,सत्येंद्र कौशिक,पप्पूसिंह और चेयरमैन प्रतिनिधि रामदीन कुशवाहा, राजवीर कुशवाह आदि ने बताया कि बसेड़ी के बयाना रोड पर हरजूपूरा पंचायत से जुड़े क्षेत्र में इंडस्ट्रियल एरिया बनाया गया है. जहां तमाम प्रकार के कल कारखाने लगाए जाएंगे.

लेकिन यहां गुपचुप तरीके से बूचड़खाने पशुवध शाला के लिए जगह एलॉट की जा रही है. जिसकी पुख्ता जानकारी है और रीक औद्योगिक क्षेत्र के अधिकारियों से भी इसकी पुष्टि की है. ऐसे में प्रशासन से मांग की गई है यदि ऐसा हुआ है तो उसे तुरंत रोका जाए जिसको लेकर मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन एसडीएम सुभाष यादव को सौंपा है.

कोटरा क्षेत्र में है कोटेश्वर महादेव का प्राचीन मंदिर

बसेड़ी के रीको इंडस्ट्रियल एरिया के पास कोटरा गांव में कोटेश्वर महादेव का अति प्राचीन और ऐतिहासिक महत्व का महादेव मंदिर है. जिसकी ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई है. सावन मास में यहां पूरे महीने मेला सा भरता है और लोग भी भोलेनाथ के अभिषेक के लिए दूर-दूर से आते हैं. ऐसे स्थान पर बूचड़ खाने का खुला जाना धार्मिक भावनाओं को आहत करने जैसा है. इसी के चलते लोगों में आक्रोश व्याप्त है.

Reporter- Bhanu Sharma

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