बिना चीर-फाड़ और खून निकले पाइल्स, भगंदर का ऑपरेशन, इस पद्धति से 71 मरीजों का ऑपरेशन
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बिना चीर-फाड़ और खून निकले पाइल्स, भगंदर का ऑपरेशन, इस पद्धति से 71 मरीजों का ऑपरेशन

जिले के बाड़ी नगर की सत्यनारायण धर्मशाला में आयुर्वेद विभाग द्वारा आयोजित शल्य चिकित्सा शिविर में प्रशिक्षित चिकित्सकों द्वारा 71 महिला पुरुष रोगियों का आयुर्वेदिक क्षार सूत्र द्वारा सफल ऑपरेशन किया गया है, शिविर में रोगियों को आयुर्वेद विभाग द्वारा चिकित्सा के साथ रहने, खाने आदि की निशुल्क व

बिना चीर-फाड़ और खून निकले पाइल्स, भगंदर का ऑपरेशन, इस पद्धति से 71 मरीजों का ऑपरेशन

धौलपुर: जिले के बाड़ी नगर की सत्यनारायण धर्मशाला में आयुर्वेद विभाग द्वारा आयोजित शल्य चिकित्सा शिविर में प्रशिक्षित चिकित्सकों द्वारा 71 महिला पुरुष रोगियों का आयुर्वेदिक क्षार सूत्र द्वारा सफल ऑपरेशन किया गया है, शिविर में रोगियों को आयुर्वेद विभाग द्वारा चिकित्सा के साथ रहने, खाने आदि की निशुल्क व्यवस्था भी की गई है.

शिविर प्रभारी डॉक्टर वीरेंद्र यादव ने बताया कि आयुर्वेद विभाग द्वारा 4 जनवरी को दस दिवसीय शल्य चिकित्सा शिविर की शुरुआत की गई थी, जिसमें अर्श, भगन्दर, फिशर आदि रोगियों का ऑपरेशन क्षार सूत्र पद्धति से किया गया है. शिविर में 190 लोगों द्वारा रजिस्ट्रेशन किया गया था, जिसमें अब तक लगभग 71 रोगियों का सफल ऑपरेशन विशेषज्ञ चिकित्सक धनेश शर्मा, प्रताप सिंह, बिनोद कुमार, ज्ञानीराम मीणा की टीम द्वारा किये गए हैं. यह कौम्प जनजाति प्रभावित क्षेत्र का है, जो 24 घण्टे का है, जिसमें शहरी व ग्रामीण लोगों ने इस शिविर का लाभ लिया है.

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हर साल लगाया जाता है शिविर

वहीं, शल्य चिकित्सक डॉक्टर धनेश शर्मा ने बताया कि आयुर्वेद विभाग द्वारा प्रत्येक जिले में एक वर्ष में एक कैम्प लगाया जाता है, जो अंतरंग होता है, जो दस दिन का होता है, इस शिविर में लगभग 71 लोगों का आयुर्वेद पद्धति के द्वारा ऑपरेशन किया गया है, जिसमें भगन्दर के 21 और पाईल्स के 50 रोगी शामिल है.

क्षार पद्धति से हुआ मरीजों का ऑपरेशन

पूरे शिविर को आयुर्वेद विभाग के चिकित्सकों, कम्पाउंडर व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की टीम द्वारा संचालित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि प्रति वर्ष प्रति जिले में यह केम्प लगाया जाता है, इसके अलावा इस शल्य चिकित्सा की सुविधा जिला स्तर पर भी है, आयुर्वेद शल्य चिकित्सा एलोपैथिक पद्धति से बेहतर है, इसमें कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है, चीर-फाड़, खून का रिसाव आदि का कोई काम नहीं है, क्षार सूत्र द्वारा इलाज किया जाता है, जिसके बाद मरीज को शत-प्रतिशत लाभ मिलता है. शिविर में डॉक्टर गोपाली सिंह, डॉक्टर मनोज शर्मा, डॉक्टर महेश भारद्वाज, सतीश शर्मा, राजवीर शर्मा,भरत सिंह मीणा, श्याम सिंह मीणा, विनोद कुमार गर्ग, राघवेंद्र शर्मा, बनबारी लाल शर्मा, गोपाल कृष्ण शर्मा, प्रियंका शर्मा, अतरसिंह सहित अन्य कार्मिक शिविर में सेवाएं दे रहे हैं.

Reporter- Bhanu Sharma

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