बाड़ी: सावन का दूसरा सोमवार आज, शिवालयों में उमड़ा आस्था का सैलाब
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बाड़ी: सावन का दूसरा सोमवार आज, शिवालयों में उमड़ा आस्था का सैलाब

ऐसा माना जाता है, युवतियों द्वारा सोमवार को भगवान भोलेनाथ को गंगा जल एवं बेलपत्र अर्पित करने पर मनचाहे वर की प्राप्ति होती है.

बाड़ी: सावन का दूसरा सोमवार आज, शिवालयों में उमड़ा आस्था का सैलाब

Bari: धौलपुर जिले के बाड़ी विधानसभा के सैंपऊ कस्बे के ऐतिहासिक शिव मंदिर पर सावन के दूसरे सोमवार के अवसर पर सुबह से हजारों की तादाद में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. 

श्रद्धालुओं की भीड़ को देख ट्रैफिक एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस भी पहुंच गई. सुबह से ही श्रद्धालुओं का मंदिर पर आवागमन शुरू हो गया. मंदिर के गर्भ गृह में शिवलिंग पर श्रद्धालुओं द्वारा भाव एवं आस्था पूर्वक गंगाजल सहस्त्रधारा अर्पित की गई. सावन के दूसरे सोमवार को ऐतिहासिक सेपऊ महादेव मंदिर पर श्रद्धालुओं की हजारों की तादाद में भीड़ उमड़ पड़ी. सुबह से ही श्रद्धालुओं का मंदिर पर आवागमन शुरू हो गया. खासकर ग्रामीण अंचल से महिलाएं युवतियां एवं बुजुर्ग दल बनाकर पैदल यात्रा कर शिव मंदिर पर दर्शन करने पहुंचे.

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भगवान भोलेनाथ के गर्भ गृह में प्राचीनतम शिवलिंग को गंगाजल दुग्ध, शर्करा, धतूरा, पुष्प, शहद आदि अर्पित किए गए. श्रद्धालुओं द्वारा भाव एवं आस्था पूर्वक सहस्त्रधारा भी भगवान शिवलिंग को अर्पित की गई. मंदिर के बाहर विशाल मेले का भी आयोजन किया गया. दुकानों पर मिठाई एवं सौंदर्य प्रसाधन की वस्तुओं की जमकर महिलाओं द्वारा खरीदारी की गई. धौलपुर जिला समेत उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश एवं हरियाणा के भी श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने पहुंचे. श्रद्धालुओं द्वारा भंडारे एवं लंगर भी लगाए गए. आस्था पूर्वक श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित की गई.

हजारों की तादाद में पहुंचते हैं श्रद्धालु 
गौरतलब है कि ऐतिहासिक शिव मंदिर पर सावन एवं फागुन के महीने में काफी भीड़ देखी जाती है. फागुन के महीने में लक्खी मेले का भी आयोजन किया जाता है. इसके साथ ही सावन माह में चारों सोमवार को मेला लगने के साथ हजारों की तादाद में श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ के दरबार में मनोकामना लेकर पहुंचते हैं. लगभग 200 वर्ष पूर्व ऐतिहासिक शिव मंदिर का निर्माण कराया गया था. इतिहासकारों की मानें तो साडे 700 वर्ष पूर्व शिवलिंग का जमीन से उद्गम हुआ था. खुदाई करने पर इस शिवलिंग का आदि अंत भी नहीं पाया जा सका है. दक्षिण भारत में रामेश्वरम के बाद पर्टिकुलर शिव जी का यह दूसरा मंदिर है.

ऐसा माना जाता है, युवतियों द्वारा सोमवार को भगवान भोलेनाथ को गंगा जल एवं बेलपत्र अर्पित करने पर मनचाहे वर की प्राप्ति होती है.

Reporter- Bhanu Sharma

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